अप्रैल 2023 के लिए भारत के विदेशी व्यापार के आँकड़े सामने आ गए हैं, भारत ने अप्रैल माह के दौरान 65.02 बिलियन डॉलर के निर्यात किए, अप्रैल 2022 से तुलना की जाए तो यह लगभग 2% की वृद्धि है।
पिछले दिनों रुपए में आई गिरावट के कारण भारत के निर्यात को बढ़ावा मिला है। डॉलर के मुकाबले रुपए में आई गिरावट के कारण वह निर्यात के बाजार में अब अधिक प्रतिस्पर्धी हो गया है। वहीं, दूसरी तरफ कच्चे तेल के भावों के स्थिर होने और चीन की अर्थव्यवस्था के खुलने से विश्व में मांग फिर से लौटी है।
निर्यात क्षेत्र का देश में रोजगार और अर्थ्वव्य्स्था के विकास में महत्वपूर्ण रोल है। भारत ने वर्ष 2022-23 में लगभग 777 बिलियन डॉलर के निर्यात किए हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट दर्शाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के निर्यात 900 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लेंगे।
निर्यात में वस्तुएं और सेवाएं दोनों शामिल हैं। इसी दौरान भारत का आयात 66.4 बिलियन डॉलर रहा है, यह पिछले वर्ष के अप्रैल माह के मुकाबले कम है। वर्ष 2023 की शुरुआत से ही भारत का व्यापार घाटा भी लगातार कम हो रहा है।
अप्रैल 2023 में, व्यापारिक निर्यात का मूल्य 34.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो अप्रैल 2022 (39.70 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में 5.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्शाता है। यह इस अवधि के दौरान निर्यात किए गए माल के मूल्य में गिरावट को दर्शाता है।
इसमें आई कमी के पीछे पश्चिमी देशों में भारी महंगाई और मंदी के कारण मांग में आई कमी एक कारण हो सकती है।
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इसी तरह अप्रैल 2023 में, वस्तुओं के आयात 49.9 बिलियन डॉलर रहे , जो अप्रैल 2022 (58.06 बिलियन अमरीकी डॉलर) की तुलना में 8.16 बिलियन डॉलर कम हैं। वस्तुओं के आयात में गिरावट अच्छा संकेत है। भारत का कई क्षेत्रों में मैन्युफ़ैक्चरिंग में आत्मनिर्भर होना इसके पीछे प्रमुख कारण हो सकता है।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषणों का निर्यात 25.76 बिलियन डॉलर रहा है, जो अप्रैल 2022 में 28.37 बिलियन डॉलर था। इसी तरह, गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न और आभूषण वस्तुओं का आयात (सोने, चांदी और कीमती धातुओं सहित) की राशि 31.49 बिलियन डॉलर रही है, जो अप्रैल 2022 में 36.00 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कुछ कम है। ये आंकड़े विशेष रूप से गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषण उत्पादों से संबंधित व्यापार में गिरावट का संकेत देते हैं।
बात अगर सर्विस एक्सपोर्ट का किया जाए तो अप्रैल 2023 में सेवाओं का निर्यात 30.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था, जो अप्रैल 2022 में 24.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर से उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
इसी तरह, अप्रैल 2023 में सेवाओं का आयात 16.50 बिलियन डॉलर रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 14.06 बिलियन डॉलर था। सेवा क्षेत्र में देश में मजबूती लगातार बनी हुई है, हाल ही में आए PMI के आँकड़े इसकी पुष्टि करते हैं।
व्यापारिक निर्यात के भीतर विभिन्न क्षेत्रों का प्रदर्शन
30 प्रमुख क्षेत्रों में से, 11 क्षेत्रों ने अप्रैल 2023 में अप्रैल 2022 की तुलना में सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित की है। इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में 26.49% वृद्धि, चावल में 24.01% वृद्धि, तिलहन में 18.01% वृद्धि और सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने पदार्थ में 17.21% वृद्धि हुई है।
हालांकि, कपड़ा, प्लास्टिक और लिनोलियम जैसे क्षेत्रों को प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के प्रभाव के परिणामस्वरूप कमजोर मांग के कारण निर्यात में गिरावट का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, व्यापारिक आयात के भीतर, 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 23 ने अप्रैल 2023 में नकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित की, जो इन क्षेत्रों के लिए आयात मात्रा में संकुचन का संकेत देता है।
आयात को देखा जाए तो उर्वरक, चमड़े के उत्पाद और खनिज जैसे सामानों के आयात में कमी आई है। भारत के पास बड़ा कुशल मजदूर वर्ग और बड़ा उपभोक्ता बाजार मौजूद है जो उसके लिए फायदेमंद है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार देश के बुनियादी ढांचे में सुधार और व्यापार करने में आसानी के लिए कदम उठा रही है, जिससे व्यवसायों के लिए भारत में काम करना आसान हो जाएगा। कुल मिलाकर अप्रैल 2023 में भारत के निर्यात में वृद्धि और इसके आयात में गिरावट देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत हैं। आने वाले महीनों में ये रुझान जारी रहने की संभावना है, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और निर्यात और आयात प्रतिस्थापन पर भारत का ध्यान जारी है
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