भारत अगले 10 वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और वर्ष 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 10 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। यह जानकारी आर्थिक मामलों पर काम करने वाली एक ब्रिटिश संस्था CEBR ने 26 दिसम्बर को ‘वर्ल्ड इकॉनोमिक लीग टेबल 2023’ (World Economic League Table 2023) शीर्षक से जारी रिपोर्ट में दी है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत वर्ष 2027 तक जर्मनी को पीछे छोड़ विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2032 में जापान को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसी के साथ रिपोर्ट बताती है कि अगले 15 वर्षों में चीन, अमेरिका को हटाकर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत ने पिछले 10 वर्षों में 6 अर्थव्यवस्थाओं को छोड़ते हुए पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का खिताब हासिल किया है। हाल ही में भारत यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ कर विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना था। वर्तमान में भारत की GDP का आकार लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर है।
ग़ौरतलब है कि इस से पूर्व मॉर्गन स्टेनली भी अपनी एक रिसर्च में यह दावा कर चुका है कि भारत आने वाले पाँच सालों में जापान को पीछे छोड़ जापान को पीछे छोड़ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
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क्या कहती है रिपोर्ट?
भारत के विषय में रिपोर्ट बताती है कि कोरोना के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था ठप होने के बावजूद देश अगले कुछ सालों में तेजी से तरक्की करेगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद भारत ने आंतरिक मांग के आधार पर 8.7% की रफ्तार से तरक्की की, यह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है।

इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में यह भी बताया है कि अगले कुछ सालों तक भारत लगातार 6.4% की गति से आगे बढ़ेगा। हालाँकि सरकार और रिजर्व बैंक के अनुमान इससे अधिक भी हो सकते हैं। ऐसे में भारत अगले 5 वर्षों में जापान को पीछे छोड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार, 5.29 ट्रिलियन डॉलर होगा, जो कि वर्ष 2032 में बढ़ कर 7.9 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। इस प्रकार भारत जर्मनी को भी पछाड़ कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। रिपोर्ट ने यह भी कहा है कि भारत इस सदी के अंत तक अमेरिका और चीन के साथ विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियों में शामिल हो जाएगा।
वहीं वर्तमान के विषय में रिपोर्ट बताती है कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले महंगाई कम रही है। अधिकाँश खाद्य पदार्थों के कारण ही महंगाई ही देखने को मिली है जबकि बाकी क्षेत्रों में महंगाई का असर रूस से सस्ता तेल खरीदने की वजह से कम रही है।
अमेरिका से छिनेगा ‘नम्बर एक’ अर्थव्यवस्था का तमगा?
अनुमान के अनुसार वर्ष 2037 तक चीन, अमेरिका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पहले यह अनुमान लगाया गया था कि चीन वर्ष 2031 में ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। चीन में कोरोना की भयानक स्थिति और उसकी जीरो कोविड नीति के कारण इसमें शिथिलता आने की सम्भावना है जिससे चीन को अमेरिका को पीछे करने में 6 वर्षों का समय और लग जाएगा।
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हालाँकि, चीन के अमेरिका को अर्थव्यवस्था के आकर के मामले में पीछे छोड़ने से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के ढाँचे और जनसंख्या में बड़ा फर्क है।
पाकिस्तान की स्थिति खराब, बांग्लादेश बनेगा विश्व की 20वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
यदि भारत के पड़ोसी देशों पर नजर डाली जाए तो जहाँ बांग्लादेश की स्थिति भविष्य में अच्छी नजर आ रही है वहीं पाकिस्तान का भविष्य चुनौतियों से भरा हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि बांग्लादेश, भारत और चीन के बड़े निवेशों की वजह से आने वाले सालों में बड़े स्तर आर्थिक तरक्की करेगा।
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विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में बांग्लादेश वर्तमान में 57वें स्थान पर है, यह वर्ष इस दशक के खत्म होने तक 27वें और वर्ष 2037 में 20वें स्थान पर पहुंचेगा। बांग्लादेश वर्तमान में दक्षिण एशिया में भारत के पश्चात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, आगे इसके और मजबूत होने की बात कही जा रही है।
वहीं पाकिस्तान के विषय में रिपोर्ट बताती है कि आंतरिक राजनीतिक कलह, सुरक्षा व्यवस्था की समस्याओं और निर्यातों का कम होना इसकी अर्थव्यवस्था के लिए समस्याएं खड़ी कर रहा है। बढ़ती ऊर्जा कीमतों और महंगाई के 12% से भी अधिक होने के कारण इसकी अर्थव्यवस्था में आंतरिक समस्याओं की भरमार है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आने वाले कुछ सालों में बड़ी जनसंख्या और सस्ती मजदूरी के कारण धीमी आर्थिक तरक्की करने में सफल रहेगा।