यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लेनदेन में अक्टूबर 2023 में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप आँकड़ा पिछले सभी रिकॉर्ड को पार कर गया। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में कुल यूपीआई लेनदेन 17.16 लाख करोड़ रुपये था, जो साल-दर-साल मात्रा में 55% और मूल्य में 42% की वृद्धि दर्शाता है।
UPI भारत में एक तेज़, सुविधाजनक और सुरक्षित भुगतान प्रणाली के रूप में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रहा है। अक्टूबर महीने में नवरात्रि और दशहरा जैसे कई त्योहार आए, जिससे आर्थिक गतिविधियों और लेनदेन में वृद्धि हुई।
देश में यूपीआई की देखरेख करने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 में कुल यूपीआई लेनदेन 17.16 लाख करोड़ रुपये रहा। यह सितंबर 2022 के 15.8 लाख करोड़ रुपये के पिछले रिकॉर्ड से अधिक था। ट्रांजेक्शन की संख्या भी सितंबर में 1,056 करोड़ से 8% बढ़कर अक्टूबर में 1,141 करोड़ हो गई।
यूपीआई की सफलता का श्रेय उपयोग में आसानी, व्यापक स्वीकृति और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने जैसे कारकों को दिया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को खाता विवरण साझा किए बिना बैंक खातों के बीच तत्काल धन हस्तांतरण करने की अनुमति देता है।
अक्टूबर में त्योहारी सीज़न के कारण यूपीआई का उपयोग से खुदरा खरीदारी, बिल भुगतान, धन हस्तांतरण आदि में वृद्धि दर्ज हुई। कोरोना महामारी के बीच लोगों ने नकदी के बजाय संपर्क रहित, परेशानी मुक्त यूपीआई भुगतान को प्राथमिकता दी।
Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे प्रमुख UPI भुगतान ऐप्स में इस अवधि के दौरान लेनदेन और नए उपयोगकर्ताओं में वृद्धि देखी गई। कई व्यापारियों ने ग्राहकों को यूपीआई-आधारित भुगतान विकल्प और छूट की भी पेशकश की। एनपीसीआई डेटा से पता चला है कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सर्विस (एईपीएस) ने अक्टूबर में 25,973 करोड़ रुपये के लेनदेन किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग पहुंच आसान हो गई।
बढ़ते इंटरनेट और स्मार्टफोन के उपयोग और सरकारी पहलों के साथ, आने वाले महीनों में एक जीवंत डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा समर्थित यूपीआई का उपयोग और बढ़ने की उम्मीद है। तत्काल, सुविधाजनक और सुरक्षित डिजिटल भुगतान विकल्प के रूप में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ त्योहारी खरीदारी और चल रहे वित्तीय समावेशन प्रयासों ने इन अभूतपूर्व स्तरों में योगदान दिया है, जिससे भारत में डिजिटल भुगतान के पसंदीदा तरीके के रूप में यूपीआई की स्थिति मजबूत हुई है।