‘इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन’ संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और स्वघोषित अध्यक्ष डॉक्टर शोएब जमाई ने फिल्म निर्माता अशोक पंडित को ट्वीट कर धमकी दी है। शोएब ने ये धमकी फिल्म निर्माता अशोक पंडित की नई फिल्म ’72 हूरें’ की चर्चा के बीच दी हैं। ’72 हूरें’ फ़िल्म जल्दी ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।
फ़िल्म निर्माता अशोक पंडित ने अपनी आगामी फिल्म ’72 हूरें’ का पोस्टर ट्ववीट किया था। इसका जवाब देते हुए शोएब लिखता है,
“अब ये घटिया हरकत बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। (अज़मेर 92) और (72 हूर) जैसी फिल्म अगर रोकी नहीं गई तो अनर्थ हो जाएगा। आतंकवाद दिखाने के बहाने मुस्लिम मान्यताओं के साथ भद्दा मजाक अब नहीं सहा जाना चाहिए। अज़मेर शरीफ़ दरगाह को बदनाम करने वाली षड्यंत्र को रोकना है तो सभी को साथ आना होगा। सूफी संत की बात करने वाली भाजपा और प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं। अजीत डोवाल से मिलने वाले सूफी मौलाना चुप क्यों हैं? सिर्फ़ सोशल मीडिया पर बोलने से कुछ नहीं होगा। इनके प्रोड्यूसर को पूछना होगा। अगर आज इनको ना रोका गया तो मुझे अंदेशा है कल को यह ना उजुबिल्लाह अल्लाह के नबी मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम के ऊपर घटिया फिल्म बना देंगे और आप और हम कुछ नहीं कर सकेंगे.. ऐसा दिन आने से पहले पहले इन एजेंडाधारी लोगों को रोकना जरूरी। रजा अकादमी मुंबई अभियान को लीड करें। अशोक पंडित मुंबई में ही रहता है। बाकि हम देखते हैं।”
‘अजमेर 92’ फिल्म
आपको बता दें ‘अजमेर 92’ फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित बताई जा रही है। फिल्म में वर्ष 1992 में अजमेर में घटित बलात्कार और फिर आत्महत्या की घटनाओं का उल्लेख है। इस मामले में अपराधियों का नेतृत्व प्रभावशाली खादिम परिवार के फारूक और नफीस चिश्ती कर रहे थे, जो अजमेर शरीफ दरगाह की देखभाल करते थे। इन लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार कई वर्षों तक चला और इसमें 250 से अधिक लड़कियां शिकार हुई जिनकी उम्र 11-20 के बीच थी। पीड़ितों को एक फार्महाउस में ले जाया गया जहां कई लोगों ने उनके साथ मारपीट की। ब्लैकमेल करने के लिए उनके फोटो भी खींचे गए। कम से कम छः पीड़ितों ने आत्महत्या भी की। इस केस का खुलासा तब हुआ था जब एक फोटो लैब ने लड़कियों की नग्न तस्वीरें प्रकाशित कीं और उन्हें वितरित करने में मदद की।
’72 हूरें’ नाम से आ रही यह फिल्म उन 72 कुंवारी हूरों के बारे में बताती है, जिनके बारे में इस्लाम में दावा किया जाता है कि जिहाद के बाद ये हूरें जिहादियों को जन्नत में मिलेंगी। अशोक पंडित इस फिल्म के को-प्रोडूसर्स हैं। यही कारण है कि शोएब जमाई द्वारा उन्हें धमकी मिल रही है।
रज़ा अकादमी और 2012 आज़ाद मैदान दंगे
जमाई ने अपने ट्वीट में रजा अकादमी को मुंबई में नेतृत्व करने के लिए उकसाया। ज्ञात है कि 11 अगस्त 2012 को, रज़ा अकादमी के नेतृत्व में मुस्लिम संगठनों ने असम और म्यांमार में मुसलमानों पर कथित अत्याचार का हवाला देते हुए मुंबई के आज़ाद मैदान में एक विरोध प्रदर्शन किया। वे रखाइन दंगों और असम दंगों की निंदा कर रहे थे।
ये विरोध प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गए। आजाद मैदान में हुए दंगों में दो लोगों की मौत हो गई थी और 58 पुलिसकर्मियों सहित 63 लोग घायल हो गए थे। आज़ाद मैदान के दंगों की सबसे भयावह छवियों में से एक दंगाई मुस्लिम भीड़ द्वारा अमर जवान ज्योति स्मारक को अपवित्र करने की थी। ये युद्ध स्मारक 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को समर्पित है।
आपको बता दें, यही संगठन था जिसने महाराष्ट्र में वर्ष 2020 में शार्ली एब्दो कार्टून का समर्थन करने के लिए फ्रांस और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किये। इसके अलावा इस संगठन ने त्रिपुरा में कथित हिंसा के नाम पर महाराष्ट्र में जमकर उत्पात मचाया था।
कौन हैं डॉ शोएब जमाई
डॉ शोएब जमाई के ट्विटर बायो के अनुसार वह एक मीडिया पैनलिस्ट और राष्ट्रीय प्रवक्ता सहित ‘इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन’ का अध्यक्ष है। वह गर्व से खुद को शाहीनबाग का संयोजक भी बताता है। दरअसल, दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 तक एक मज़हबी भीड़ ने प्रदर्शनकारियों का रूप लेकर CAA का विरोध किया था और शाहीनबाग़ में तीन महीने तक सड़क को अवरुद्ध रखा था।
CAA, जिसमें पड़ोसी देशों, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने की बात की गई थी। इस अधिनियम से भारतीय मुसलमानों या अन्य भारतीयों की नागरिकता पर कुछ खतरा नहीं होना था लेकिन विरोध प्रदर्शन हुए यह कहकर कि मुसलमान की नागरिकता छिन जायेगी। इसके परिणाम यह हुए कि दिल्ली में दंगे भड़क गए थे।
वह अपनी पहचान एक प्रमुख इस्लामी आलिम के रूप में बताता है। वह मूल रूप से झारखंड के गिरिडीह इलाके का रहने वाला है और फिलहाल दिल्ली के जामिया नगर में रहता है। शोएब जमाई राष्ट्रीय जनता दल सहित तब्लीगी जमात का सदस्य रह चुका है। 2020 मे बिहार राज्य विधानसभा चुनाव से पहले शोएब पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी में शामिल हो गया था।