भारत-मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘हरिमऊ शक्ति’ का आज चौथा दिन है। 28 नवम्बर, 2022 को शुरू हआ यह सैन्य अभ्यास मलेशिया के क्लांग स्थित पुलाई में 15 दिन यानी 12 दिसम्बर तक चलेगा।
भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने अपने ट्विटर हैंडल पर बीते कल यानी बुधवार (30 नवम्बर, 2022) को जानकारी देते हुए कहा कि “भारतीय सेना और मलेशिया सेना के जवानों ने संयुक्त अभ्यास हरिमऊ शक्ति-2022 के क्रॉस ट्रेनिंग के दौरान जंगल इलाके में ऑपरेशन का अभ्यास किया।’ (30 नवंबर, 2022) को दोनों पक्षों के सैनिकों द्वारा अभ्यास किया गया।
भारत और मलेशिया के बीच यह संयुक्त सैन्य अभ्यास साल 2012 से आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष भारत की अलग-अलग रेजिमेेन्ट इस सैन्य अभ्यास का हिस्सा बनती हैं।
इस साल के संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेन्ट और मलेशियाई सेना की रॉयल मलय रेजिमेन्ट भाग ले रही हैं।
इस सैन्य अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएँ अपने अनुभव एक-दूसरे से साझा कर रहे हैं, साथ ही, दुर्गम वन क्षेत्रों में किए जाने वाले विभिन्न अभियानों की योजना बनाने और उन्हें पूरा करने के सम्बन्ध में पारस्परिक समन्वय को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
संयुक्त सैन्य अभ्यास कार्यक्रम के दौरान वन क्षेत्रों में बटालियन स्तर की कमाण्ड प्लानिंग एक्सरसाइज (CPX) और कम्पनी स्तर की फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ (FTX) की जा रही है।
इस कार्यक्रम में बटालियन स्तर पर रसद की योजना बनाने से लेकर एक संयुक्त कमाण्ड पोस्ट, संयुक्त निगरानी केन्द्र, हवाई सम्पत्ति विशेषज्ञता, तकनीकी प्रदर्शन, दुर्घटना प्रबंधन और हताहतों को निकालना जैसे अभ्यास किए जा रहे हैं।
हरिमऊ मलय भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है, बाघ (Tiger)। यह हरिमऊ शक्ति अभ्यास भारतीय सेना और मलेशियाई सेना के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सम्बन्धों को भी बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
जरूरी है यह सैन्य अभ्यास
वैश्विक युद्ध का केन्द्र धीरे-धीरे हिन्द महासागर क्षेत्र बन रहा है। चीन की आक्रामकता और विस्तारवादी सोच से जटिल स्थिति पैदा हो रही है, ऐसे में भारत ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ अपने द्विपक्षीय सम्बन्धों को मजबूत करने का प्रयास किया है और अब इन सम्बन्धों को रक्षा सहयोग की ओर भी बढ़ाया जा रहा है।
भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में आसियान देशों के साथ लगातार सैन्य सम्बन्ध बनाना भी शामिल है ताकि इस क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को संतुलित किया जा सके। इस लिहाज से भारत रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए अपने आसियान समकक्ष देशों के साथ द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास करता है, जो चीन सीमा की परिधि में आते हैं।
एक्ट ईस्ट नीति
भारत ने पूर्वी एशियाई देशों के साथ अपने सम्बन्धों को और मजबूत करने के लिए साल 2014 में ‘लुक ईस्ट नीति’ को बदलकर ‘एक्ट ईस्ट नीति’ कर दिया था।
एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत बुनियादी ढाँचे, विनिर्माण, व्यापार, कौशल, शहरी नवीकरण, स्मार्ट सिटी, मेक इन इण्डिया जैसे विकास कार्यों के जरिए भारत-आसियान सहयोग पर जोर दिया गया।
एक्ट ईस्ट पॉलिसी का उद्देश्य आर्थिक, सांस्कृतिक सम्बन्धों को बढ़ावा देना है। साथ ही, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तर पर निरन्तर प्रयास कर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक सम्बन्ध मजबूत करना है।
भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग
बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग लगातार बढ़ा है। साल 1993 में दोनों देशों ने एक रक्षा सहयोग पर समझौता कर, रक्षा सम्बन्धों की नींव रखी थी।
शीर्ष स्तर पर दोनों देशों के बीच नियमित तौर पर वार्ता होती रहती है। साथ ही, रक्षा अधिकारियों के दौरे भी बीते कई वर्षों से सफलतापूर्वक चल रहे हैं। कई मलेशियाई अधिकारियों ने भारत में शिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया है, जिनमें राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC), रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (DSSC) और कोच्चि में नेवल लॉन्ग कोर्स शामिल हैं।
रॉयल मलेशियाई वायु सेना और भारतीय वायु सेना प्रशिक्षण, रख-रखाव, तकनीकी सहायता और सुरक्षा संबंधी मुद्दों में सहयोग के लिये विमान सुरक्षा और रख-रखाव मंच की स्थापना के संदर्भ में काम कर रहे हैं।
इसी साल, अक्टूबर माह में भारतीय वायु सेना और रॉयल मलेशियाई वायु सेना के बीच अब तक का पहला द्विपक्षीय हवाई सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था। इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना ने सुखोई-30 MKI और सी-17 विमानों के साथ जबकि रॉयल मलेशियाई वायु सेना ने एसयू 30 MKM विमान के साथ भाग लिया।
भारत नियमित रूप से मलेशिया में लैंगकावी अन्तरराष्ट्रीय समुद्री और एयरोस्पेस प्रदर्शनी (LIMA) और रक्षा सेवा एशिया (DSA) में भी भाग लेता है।
इसी तरह, मलेशियाई प्रतिनिधिमंडल नियमित रूप से भारत में एयरो इण्डिया और डिफेन्स एकस्पो यानी प्रदर्शनी में भाग लेते रहते हैं।
भारत-मलेशिया सम्बन्ध
हाल ही में भारत के उच्चायोग ने विभिन्न आयोजनों के माध्यम से मलेशिया में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया है। इसके अलावा बीते साल, आईएनए की झाँसी रेजिमेन्ट की रानी और 18 अक्टूबर, 2021 को आईएनए का स्थापना दिवस मलेशिया में मनाए गए। इस साल जनवरी माह में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जन्म जयन्ती भी मनाई गई।
आयुर्वेद और भारतीय परम्परा की अन्य पारम्परिक चिकित्साओं में मलेशिया और भारत के बीच बेहतर सहयोग की भावना के अनुरूप मलेशिया ने भारतीय तकनीकी व आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत भारत से एक आयुर्वेद के चिकित्सक और दो थेरेपिस्ट की नियुक्ति की है।
मलेशिया की लगभग 8 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है। ऐसे में मलेशिया का स्थान भारत की विदेश नीति में महत्त्वपूर्ण हो जाता है। भारत की समुद्री सम्पर्क रणनीतियों के लिए भी मलेशिया बेहद महत्त्वपूर्ण है।