वर्ष 2023 भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से काफी अहम् होने जा रहा है, भारत वर्ष 2023 में G-20 के साथ ही साथ शंघाई सहयोग समिति (SCO) का आयोजन भी कर रहा है। भारत इन दोनों समूहों के लिए इस साल मेजबान है। इसी कड़ी में भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को आमंत्रित किया है।
शंघाई सहयोग समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का आयोजन भारत आने वाले मई माह में होगा। इस बैठक के लिए पाकिस्तान के अलावा अन्य सदस्य देशों जैसे कि चीन और रूस के साथ ही संगठन के सदस्य मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित किया है।

शंघाई सहयोग समिति के सितम्बर, 2022 में उज्बेकिस्तान में हुए शिखर सम्मलेन में भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ‘दिस इस नॉट एरा ऑफ वॉर’ (यह युद्ध का समय है नहीं कहना) अंतरराष्ट्रीय मंचों पर काफी सराहा गया था।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री के अतिरिक्त पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को भी भारत ने बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। यह बैठक आगामी मार्च माह में आयोजित की जाएगी। पाकिस्तान सरकार से इस मामले पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
समाचार वेबसाइट WION के अनुसार, भारत विदेश मंत्रियों की यह बैठक तटीय राज्य गोवा में आयोजित करने वाला है। वर्तमान में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो हैं। वह अपने उलटे-सीधे बयानों के लिए कई बार आलोचना भी झेल चुके हैं। कुछ ही दिन पहले भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के ऊपर एक बयान देने के कारण उनकी काफी आलोचना हुई थी।
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री शाहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत के लिए भी जोर दिया था। पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री ने कहा कि हम 3 युद्ध लड़ चुके हैं और इसके कारण हमें सिर्फ गरीबी और समस्याएं ही मिली हैं।
ऐसे में अब दोनों देशों को बातचीत का रास्ता अख्तियार करना चाहिए। हालाँकि पाकिस्तान के विदेश विभाग द्वारा उनके बयान पर एक सफाई भी पेश की गई जिसमें कहा गया था कि कश्मीर में धारा 370 हटाने का फैसला वापस ना लिए जाने तक कोई भी बातचीत संभव नहीं होगी। भारत ने इस बयान पर कोई भी विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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पाकिस्तान वर्तमान में भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इस कारण से वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना अस्तित्व बचाने के लिए भारत के साथ शांति की अपील करने का दिखावा कर रहा है। भारत लगातार कहता आया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवादी भेजना बंद नहीं कर देता तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।
शंघाई सहयोग संगठन में भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन और मध्य एशिया देशों के अलावा ईरान भी शामिल है। पिछले वर्ष के फरवरी माह से जारी यूक्रेन-रूस के युद्ध की वजह से इस संगठन का महत्व और अधिक हो जाता है क्योंकि इसमें रूस के अलावा दुनिया की दो उभरती हुई महाशक्तियां भारत और चीन शामिल हैं।
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पाकिस्तान में इस समय आंतरिक स्तर पर भी काफी उथल-पुथल चल रही है। पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दल तहरीक ए इन्साफ के नेता इमरान खान ने अपनी सत्ता वाली राज्य विधानसभाएं भंग कर दी हैं और केंद्र सकरार पर नए चुनाव कराने का दबाव बना रहे हैं।