नवम्बर माह देश में आयात-निर्यात की दृष्टि से अहम् रहा है। इस महीने में देश के निर्यात में वृद्धि देखने को मिली है। वहीं आयातों में भी हलकी बढ़त देखी गई है। इस बीच देश का व्यापार घाटा भी कम हुआ है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय ने 15 दिसम्बर को देर रात जारी एक प्रेस रिलीज में दी।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, नवम्बर माह में भारत के निर्यात 58.22 बिलियन डॉलर के रहे। इसी दौरान भारत ने 69.33 बिलियन डॉलर के आयात किए। इस नवम्बर में किए गए निर्यात पिछले साल के नवम्बर माह से 10.97% अधिक रहे। वहीं आयातों में भी पिछले नवम्बर माह के मुकाबले 5.6 % का उछाल देखा गया।
औद्योगिक गतिविधि बताने वाले सूचकांक PMI के अनुसार देश में नवम्बर माह में कारखानों को विदेशों से बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिले हैं। इस बात की पुष्टि, नवम्बर माह के निर्यात से स्पष्ट हो रही है। वहीं इस दौरान भारत ने अपने आयातों के तेजी से बढ़ने पर भी रोक लगाने में सफलता पाई है।
आँकड़ों के अनुसार, नवम्बर माह में देश से वस्तुओं का निर्यात, लगभग 32 बिलियन डॉलर के रहे। जबकि इसी दौरान यह आयात 55.8 बिलियन डॉलर के रहे। भारत, दुनिया में तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, जिसकी वजह से हमेशा भारत के आयात, निर्यात से अधिक रहते हैं। पिछले साल के नवम्बर के दौरान वस्तुओं का आयात 31.8 बिलियन डॉलर और निर्यात 53.03 बिलियन डॉलर के थे।
वहीं भारत के मजबूत निर्यात क्षेत्र, सेवाओं की बात की जाए तो इस साल के नवम्बर माह के दौरान आयात 26.23 बिलियन डॉलर के रहे। वहीं सेवाओं के आयात, 20.67 बिलियन डॉलर के रहे। सेवाएं भारत के निर्यात में बड़ा रोल निभाती हैं। देश के द्वारा किए गए कुल निर्यात में लगभग आधा हिस्सा सेवाओं का रहता है।
इसी के साथ चालू वित्त वर्ष 2022-23 के शुरूआती आठ महीनों का आयत निर्यात का आँकड़ा भी आ गया है। चालू वित्त वर्ष के आठ माह के दौरान भारत ने लगभग 295 बिलियन डॉलर के निर्यात किए हैं। इस दौरान भारत के आयात लगभग 493 बिलियन डॉलर के रहे।
इसकी तुलना अगर वित्त वर्ष के समान अवधि से करें तो इस वर्ष निर्यात में 11.1% की वृद्धि हुई है। वहीं आयातों में लगभग 29% की वृद्धि देखी गई। आयातों में वृद्धि के पीछे का सबसे बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना है जिसके कारण देश के आयात का बिल बढ़ गया है।
नवम्बर माह के दौरान 30 में से 15 सेक्टर में भारत का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवम्बर माह के बीच सेवाओं के निर्यात में तेजी देखी गई। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान भारत ने 90 बिलियन डॉलर के सेवाओं का निर्यात किया जो इस वर्ष बढ़ कर 158 बिलियन डॉलर हो गया। यह लगभग 70% की वृद्धि है। इससे पता चलता है कि भारत की सेवा कम्पनियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपना दबदबा बनाया हुआ है।