भारत में दिसम्बर, 2022 में महंगाई की दर में कमी आई है। इस बीच सरकार द्वारा जारी किए गए औद्योगिक उत्पादन में भी बढ़त दर्ज की गई है।
दिसम्बर माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) नवम्बर माह के आँकड़े 5.88 से घटकर 5.72 पर आ गया है। इससे पहले कोरोना के बाद की आर्थिक हालात में सुधार की प्रक्रिया के बीच ही छिड़े यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण पूरी दुनिया में ऊर्जा कीमतें आसमान को छूने लगीं थीं। इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित हुई है। इसके कारण पूरे विश्व में बड़े स्तर पर महंगाई में बढ़त देखने को मिली है।
हालाँकि, भारत के सम्बन्ध में यह स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में काफी अच्छी रही है। भारत में पिछले कुछ माह से लगातार महंगाई घट रही है। नवम्बर माह में महंगाई दर 5.88 थी। यह आँकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में 6.09 और शहरी क्षेत्रों में 5.68 था। अब यह दर घटकर 5.72 पर है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 6.05 और शहरी क्षेत्रों में 5.39 का स्तर आ गया है। इस तरह से इसमें दिसम्बर माह में 16 बेसिस प्वाइंट की कमी आई है। सब्जी जैसे उत्पादों के मूल्य में कमी के कारण दर घटी है।
इसी तरह उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) 4.67 से घट कर 4.19 पर आ गया है। खाद्य उत्पादों की आपूर्ति सुलभ होने और मानसून के बाद से लगातार खाद्यान्न और ऊर्जा की बढती उपलब्धता से महंगाई की दर में कमी आई है। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जैसे क़दमों से अनाज की सुलभता भी बढ़ी है जिसका बाजार में मूल्यों पर प्रभाव पड़ा है।
यह आँकड़ा रिजर्व बैंक के महंगाई के लक्ष्य 4% (+/-) के अंदर ही है। रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ समय से अपनी नीतियों में बदलाव करके भी महंगाई पर नियन्त्रण करने का प्रयास किया है। रिजर्व बैंक ने अपनी द्वैमासिक जारी होने वाली मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करके रेपो रेट को 6.25% कर दिया था जिससे बाजार में फाइनेंस की उपलब्धता कम हो और महंगाई पर रोक लगे।
नया बजट आने में भी लगभग दो सप्ताह का ही समय बचा है। सरकार का प्रयास इस वर्ष वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत को प्रगति की राह पर बनाए रखने पर होगा। ऐसे में खर्चों में बढ़ोतरी करके बाजार में अर्थव्यवस्था में तेजी बने रखने का भी प्रयास सामने आ सकता है। वहीं दूसरी ओर देश में औद्योगिक उत्पादनों में भी तेजी आने की बात सरकार द्वारा जारी आँकड़े में की गई है। ये आंकड़े नवम्बर माह के हैं। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आँकड़े के अनुसार, यह नवम्बर माह में 137.1 के स्तर पर रहा है, यह इसके पिछले माह अक्टूबर में 129.3 पर था।
इस आँकड़े में शामिल खनन, बिजली और निर्माण सभी में तेजी देखी गई है। खनन क्षेत्र का यह आँकड़ा अक्टूबर माह में 112.5 पर था जबकि नवम्बर माह में 122.3 पर आ गया। वहीं निर्माण क्षत्र में भी आँकड़ा 128.3 से बढ़कर 136.7 पर पहुँच गया है।
हाल ही में विश्व बैंक ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अपने अनुमान फिर से जारी किये। भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली उभरती अर्थव्यवस्था है। भारत के लिए वर्ष 2023 में विश्व बैंक ने 6.9% से बढ़ने का अनुमान लगाया है। यह सरकार के आँकड़े 7.0% के आस पास ही है। जबकि पड़ोसी देश चीन लगभग 3.5% की दर से आगे बढ़ेगा। ऐसे में महंगाई का घटना सरकार के साथ ही जनता के लिए भी राहत की सांस देने वाला है।