बीते 8-9 दिसम्बर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन की सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई तनातनी पर अमेरिका ने भारत का पक्ष लिया है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने भारत को क्वाड समेत कई मंचो पर रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा है कि हम सदैव भारत के साथ हैं।
तवांग गतिरोध पर अमेरिका ने क्या कहा?
तवांग गतिरोध पर अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिका का पक्ष स्पष्ट किया। प्रवक्ता प्राइस ने यह प्रश्न पूछे जाने पर कि अमेरिका का तवांग की घटना पर रुख क्या है और यदि स्थिति और बिगड़ती है तो अमेरिका का भारत के प्रति क्या रवैया रहेगा, क्योंकि भारत क्वाड का सदस्य है।
प्राइस ने इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि भारत, द्विपक्षीय स्तर पर एवं क्वाड सहित कई अन्य संगठनों में अमेरिका का महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। हम अपने भारतीय सहयोगियों के साथ हमेशा अपने दूतावास और विदेश विभाग के माध्यम से सम्पर्क में हैं।
प्राइस ने चीन की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिका, सीमा रेखा पर या सीमा के अन्य इलाके में जमीन हथियाने के लिए की गई किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई का भारी विरोध करता है। उन्होंने भारत और चीन के मध्य बातचीत के माध्यम से सीमाओं के विवाद को सुलझाने की भी बात कही।
पहले भी अमेरिका कर चुका है भारत का समर्थन
अमेरिका इससे पहले भी भारत का समर्थन कर चुका है। साल की शुरुआत में एक प्रेस वार्ता के दौरान अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक सवाल एक जवाब में कहा था कि सीमा विवाद की स्थिति में हम बातचीत के रास्ते को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने चीन के लगातार सीमा उल्लंघन और विस्तारवादी रवैये को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमने लगातार बीजिंग की हरकतों पर अपनी आवाज उठाई है और हमेशा की तरह हम अपने मित्रों के साथ खड़े हैं।
हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ अपनी रानीतिक साझेदारी को हमेशा ही मजबूत करना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त अमेरिका के कई सीनेटरों ने भी चीन की भड़काऊ हरकतों की निंदा की थी।