भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं की सूची में शुरुआती चार पायदान पर क्रमश: अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी है। भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर 5वें पायदान पर पहुंचा है। ब्रिटेन वित्तीय वर्ष 2021 की आखिरी तिमाही में छठे पायदान पर आ गया था।
यह गणना अमेरिकी डॉलर के आधार पर की गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से जीडीपी के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में बढ़त की है।
अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022, वित्तीय वर्ष की मार्च की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर थी, जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर थी।
अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में यह ग्रोथ 2022-23 वित्तीय वर्ष में भी जारी है। परिणामस्वरूप भारत साल के अन्त तक दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना रह सकता है।
चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था ने 13.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि की है। इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी 4.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी। पूरे वित्त वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 के दौरान जीडीपी की ग्रोथ रेट 8.7 फीसदी रही थी।
कोविड-19 महामारी के बाद से विश्व की तमाम अर्थव्यवस्थाएं मंदी, महंगाई की मार से पस्त थी। इसका असर भारत पर भी देखने को मिला था। भारत एक दशक पहले तक विश्व की अर्थव्यवस्था की सूची में 11वीं स्थान पर था। तमाम चुनौतियों के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी और मात्र एक दशक के भीतर आज विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था बन गया। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि इस वित्तीय वर्ष भी भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी से अधिक बढ़ सकती है।
ब्रिटेन इस समय एक ओर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है तो दूसरी ओर ब्रिटेन अर्थव्यवस्था में भी पिछड़ रहा है।