इंग्लैंड के ऐतिहासिक ओवल मैदान में आज भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजते ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पांचवे दिन का खेल शुरू हो जाएगा। कल शाम ऑस्ट्रेलिया ने 270/8 के स्कोर पर अपनी दूसरी पारी घोषित करते हुए भारत को जीत के लिए 444 रनों का दैत्याकार टारगेट दिया था। यह स्कोर भारतीय टीम को मैच के बचे 137 ओवरों में हासिल करना था।
कल, अपनी दूसरी पारी खेलने उतरी भारतीय टीम ने सधी शुरुआत की। शुभमन व रोहित गेंद को अच्छे तरीके से टाईम करते नजर आ रहे थे। अगर मैच के चौथे दिन भारतीय टीम एक विकेट खोकर 130-150 का स्कोर बना लेती तो पांचवे दिन जीत के लिए खेलना तुलनात्मक आधार पर आसान रहता। मगर मैच के आठवें ओवर की पहली गेंद पर 41 के स्कोर पर भारतीय टीम को पहला झटका लगा। इन-फॉर्म तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड की एक बेहतरीन गेंद पर, जिसे यूँ तो बल्लेबाज द्वारा लीव कर दिया जाना चाहिए था, गली पर खड़े कैमरून ग्रीन ने शुभमन गिल का एक विवादास्पद कैच पकड़ उन्हें मैदान से पवेलियन का रास्ता दिखाया। इसके बाद फिर एक ठीकठाक साझेदारी रोहित व चेतेश्वर पुजारा के मध्य पनप रही थी, परन्तु मैच के बीसवें ओवर में नाथान ल्योन की गेंद को स्वीप लगाने के चक्कर में कप्तान रोहित पगबधा आउट करार दिए जा चुके थे। उनके ठीक पीछे, अगले ही ओवर में, गैर जिम्मेदाराना तरीके से गेंद को पुल करने के लिए चक्कर में चेतेश्वर पुजारा विकेटकीपर हेल्स को कैच थमा आयाराम गयाराम हो चुके थे। शुरू में जो पारी की अच्छी शुरुआत होती दिख रही थी, वह अब रोहित व पुजारा के गैरजरूरी शॉट सेलेक्शन के चलते गर्त में जाती दिख रही थी। स्कोर था 20.4 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 93। क्रीज़ पर पूर्व कप्तान कोहली के संग पिछली पारी के नायक रहाणे खड़े थे। दोनों ने जिम्मेदारी के साथ खेल खेला व चौथे दिन का खेल खत्म होने तक स्कोर को 164/3 तक पहुँचा दिया। दोनों ने बेहद सधा हुआ खेल खेला।
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अब, आज, करो या मरो की स्थिति है। भारत को आज खेल शुरू होने पर 90-97 ओवर खेलने हैं और जीतने के लिए अभी भी 280 रन स्कोरबोर्ड पर जोड़ने हैं। यह कागज पर जितना आसान दिखता है दरअसल असलियत में ठीक इसके उलट है। आज नई गेंद लेकर स्टार्क, बोलैंड व कमिंस की तिकड़ी भारतीय टीम की कमर तोड़ने के प्रयास करेगी। नई लाल गेंद को खेलना बिलकुल आसान नहीं होता।
दिन के शुरुआती पंद्रह- बीस ओवर बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। हाथ में सिर्फ सात विकेट हैं, उसपर भी शमी, उमेश, सिराज व भरत से उम्मीद न के बराबर हैं। मैच अब भी पूर्ण रूपेण ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है। विराट-रहाणे को बेहद धैर्य का परिचय देना होगा। विपक्षी गेंदबाजों को विकेट नहीं देना होगा। गेंद का पुराने हो जाने तक धीरज धरे रखना होगा। एकबार गेंद पुरानी हो जाए, गेंदबाज थोड़ा हतोत्साहित हो जाएं, तो रन स्वयं आएंगे। कप्तान रोहित और पुजारा ने कल जो किया वह किसी हाराकिरी से कम नहीं। उनपर जरूर सवाल उठने चाहिए। टीम बडे़ स्कोर का पीछा कर रही थी, टीम आपसे उम्मीद रखती है, और आप यूँ गैरजिम्मेदाराना तरीके से अपने विकेट विपक्षियों को तोहफे में दे आते हैं।
आज पीछे कोई ऋषभ पंत भी नहीं। आज देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों की उम्मीद भरी नजरें कोहली व रहाणे पर टिकी होंगी। इनका आज का खेल ही इस मैच का परिणाम तय करेगा। विपक्षी गेंदबाजी लाइनअप घातक जरूर है, परन्तु विराट-रहाणे वह एकमात्र भारतीय जोड़ी है जिसने साथ मिल चौथे विकेट के लिए 3000 से ज्यादा रन जोड़े हैं।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
– सोहनलाल द्विवेदी।
कुल मिलाकर मैच का परिणाम जो भी हो, आज, रविवार के दिन, संपूर्ण विश्व के क्रिकेट के चाहने वालों को एक अच्छा खेल देखने को मिलेगा। एकतरफ ऑस्ट्रेलिया की इन-फॉर्म बॉलिंग युनिट है तो दूसरी ओर एक चमत्कार की आस में खड़ा भारतीय मध्यक्रम। ओवल के ऐतिहासिक मैदान में एक दफा फिर टेस्ट क्रिकेट का बेहद खूबसूरत खेल खेला जाएगा।
मैच अपडेट: 57 ओवर के बाद 213 रन के स्कोर पर अभी-अभी भारत का सातवां विकेट गिरा है। इस विकेट के साथ ही भारतीय टीम हार की दहलीज पर खड़ी है।