भारत और श्रीलंका के बीच एक बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन (Multiproduct pipeline) और एक भूमि मार्ग से कनेक्टिविटी स्थापित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, दोनों देशों के बढ़ते संबंधों के बीच अगले 2 से 3 माह में श्रीलंका में यूपीआई द्वारा डिजिटल भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
इस पर निर्णय श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की वर्तमान भारत यात्रा के बीच शुक्रवार (जुलाई 21, 2023) को लिया गया। यह निर्णय दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी विजन में उल्लेखित पहलों की एक लंबी सूची का हिस्सा हैं। श्रीलंकाई राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपतति मुर्मू से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि दोनों देशों ने आर्थिक साझेदारी के लिए एक विजन दस्तावेज पर समझौता किया है। इसके अनुसार दोनों देश समुद्री, वायु, ऊर्जा और नागरिकों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर काम करेंगे। इसका उद्देश्य पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा और कौशल विकास में आपसी सहयोग को भी तेज करना है।
प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेखित साझेदारी विज़न दस्तावेज़ का उद्देश्य त्रिंकोमाली और कोलंबो के बंदरगाहों तक भूमि मार्ग विकसित करने के लिए श्रीलंका और भारत के बीच भूमि संपर्क स्थापित करना है। इस संबंध में जरूरी अध्ययन शीघ्र ही किया जाएगा।
दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी की दिशा में सुधार करने का फायदा श्रीलंका के त्रिंकोमाली और तमिल-प्रभुत्व वाले उत्तरी जाफना प्रायद्वीप में कांकेसंथुरई में बंदरगाहों को मिलेगा। इसके साथ ही रसद तथा बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना भी है। तमिलनाडु में नागपट्टिनम और रामेश्वरम से श्रीलंका में कांकेसंथुराई और तलाईमन्नार के बीच यात्री नौका सेवाएं भी फिर से शुरू की जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के पर्यटन में भारतीय पर्यटकों का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में इन उपायों से पर्यटन क्षेत्र के विस्तार में मदद मिलेगी।
यूपीआई पर सहमति
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने भी जानकारी दी कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और श्रीलंका के राष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क के संचालक ‘लंकापे’ के बीच जल्द ही यूपीआई-आधारित डिजिटल भुगतान शुरू करने के समझौते से पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
श्री क्वात्रा के अनुसार इससे अनिवार्य रूप से दोनों देशों के बीच भुगतान प्रवाह तंत्र आसान हो जाएगा। अब तक सिंगापुर, फ्रांस और यूएई को यूपीआई सिस्टम से जोड़ा जा चुका है। साथ ही इंडोनेशिया के साथ इस संबंध में बातचीत चल रही है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत वहां भारतीय मूल के तमिल समुदाय पर केंद्रित एक विकास पैकेज भी लागू करेगा क्योंकि 2023 में उनके श्रीलंका आगमन की 200वीं वर्षगांठ है। उनके द्वारा श्रीलंकाई मुस्लिम और तमिल बहुल पूर्वी प्रांत के आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए एक अलग बहुक्षेत्रीय पैकेज की भी घोषणा की गई।
ऊर्जा क्षेत्र पर फोकस
वहीं, भारत ने श्रीलंका की मदद के लिए एक एमओयू भी साइन किया है जिसके अनुसार भारत नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में सहयोग और 2030 तक अपतटीय पवन और सौर सहित नवीकरणीय स्रोतों से 70 प्रतिशत बिजली आवश्यकताओं की पूर्ति के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। दोनों राष्ट्रों ने सहमति जताई है कि वे हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया में भी सहयोग की संभावनाएं खंगाली जाएंगी।
बता दें कि तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच पाइपलाइन की स्थापना से श्रीलंका को ईंधन की सस्ती और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होने की उम्मीद है। प्रसंस्कृत पेट्रोलियम निर्यात (वित्त वर्ष 2013 में 1.78 अरब डॉलर) पड़ोसी देश का भारत के 5.1 अरब डॉलर के निर्यात का एक तिहाई था। हाल के वर्षों में पेट्रोलियम निर्यात में वृद्धि हुई है, जो 2019-20 में 551 मिलियन डॉलर से बढ़ गया है।
बीते कुछ वर्षों में भारत सरकार द्वारा पड़ोसी देशों के साथ ईंधन पाइपलाइनों के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। वर्ष 2019 में, बिहार के बरौनी से नेपाल के अमलेखगंज तक ईंधन परिवहन के लिए 69 किलोमीटर लंबी तेल पाइपलाइन खोली गई थी। इस वर्ष की शुरुआत में, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के पारबतीपुर शहर के बीच 130 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्ला मैत्री पाइपलाइन (आईबीएफपीएल) पाइपलाइन का उद्घाटन किया गया था।
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भारत-श्रीलंका के बीच हुई बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। दोनों देश श्रीलंकाई अपतटीय बेसिन में संयुक्त रूप से हाइड्रोकार्बन का पता लगाने और उत्पादन करने पर सहमत हुए हैं। इससे भारत के राज्य संचालित ओएनजीसी की विदेशी शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) के लिए 900 अपतटीय ब्लॉकों के लिए दो साल के तेल और गैस की खोज का लाइसेंस प्राप्त करने का रास्ता साफ हो सकता है, जिसे श्रीलंका विदेशी कंपनियों को जारी करने के लिए तैयार है।
श्रीलंका और बीबीआईएन देशों सहित अन्य क्षेत्रीय देशों के बीच बिजली व्यापार को सक्षम करने के लिए भारत और श्रीलंका के बीच एक उच्च क्षमता वाला पावर ग्रिड इंटरकनेक्शन भी स्थापित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इसमें न केवल श्रीलंका में बिजली की लागत को कम करने की क्षमता है, बल्कि श्रीलंका के लिए विदेशी मुद्रा का एक मूल्यवान और भरोसेमंद स्रोत बनाने में भी मदद मिलेगी।
बता दें कि अपनी भारत यात्रा पर विक्रमसिंघे बृहस्पतिवार (जुलाई 20, 2023) को भारत पहुंचे थे। इस दौरान उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात हुई थी।
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