कांग्रेस महासचिव और पार्टी के झारखंड प्रभारी Ghulam Ahmad Mir झारखंड में एक बयान देते हुए कहा है, “हमने वादा किया है, जैसे ही हमारी सरकार बनेगी, 1 दिसंबर से गैस सिलेंडर की कीमत सिर्फ 450 रुपये हो जाएगी। ये आम जनता, ना उसमें हिंदू देखा जाएगा, ना मुसलमान देखा जाएगा ना घुसपैठिया देखा जाएगा, ना कोई और चीज देखी जाएगी।”
कांग्रेस नेता मीर ने जो कहा उसका अर्थ है कि घुसपैठियों को भी 450 रुपये में सिलेंडर दिया जाएगा। सवाल उठ रहे हैं कि गैर-कानूनी तरीकों से राज्य में घुस रहे लोग जिन्हें घुसपैठिया कहा जाता है उन्हें सस्ता गैस सिलेंडर देने का वादा कांग्रेस पार्टी क्यों कर रही है?
जब कांग्रेस नेता Ghulam Ahmad Mir के बयान पर हंगामा हुआ तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि घुसपैठियों की सूची कहाँ है? केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका जवाब देते हुए कहा झारखंड सरकार के खुफिया विभाग की चिठ्ठी कह रही है कि यहाँ घुसपैठिए आ रहे हैं और मदरसों में पनाह ले रहे हैं।
इसका अर्थ है कि राज्य की सोरेन सरकार भी मानती है कि राज्य में घुसपैठिये आ रहे हैं। घुसपैठियों को लेकर देश का संविधान और नियम-कानून क्या कहते है ये हम सभी जानते हैं।
कानून कहता है कि देश की सीमा के अंदर अगर कोई गैर-कानूनी तरीके से घुस आया है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और वो जहाँ से आया है उसे वहीं भेज देना चाहिए, लेकिन यहाँ तो इंडी गठबंधन उन्हें सस्ता सिलेंडर देने की बात कर रहा है।
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सवाल है कि इसके पीछे का उद्देश्य क्या है? क्या मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए इंडी गठबंधन के नेता देश और राज्य की सुरक्षा दांव पर नहीं लगा रहे हैं?
वोट बैंक को खुश करने के लिए क्या राज्य के निवासियों को ख़तरे में नहीं डाल रहे हैं? जब राजनीतिक दल वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को सस्ता सिलेंडर या फिर दूसरे सरकारी लाभ देने का वादा करेंगे, तब क्या इससे घुसपैठ को बढ़ावा नहीं मिलेगा?
कानूनी दृष्टि से इतर अगर राजनीतिक दृष्टि से देखें तो झारखंड एक प्राकृतिक संपदा से संपन्न राज्य है। अलग राज्य के लिए आदिवासियों और वहाँ के मूल निवासियों ने लंबा संघर्ष किया है। ऐसे में अब संसाधनों को घुसपैठियों को क्यों दिया जाना चाहिए? क्या ये आदिवासियों के अधिकारों में सेंधमारी नहीं है?
कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी इसका जवाब देना चाहिए कि क्यों उनका गठबंधन घुसपैठियों को बढ़ावा दे रहा है।
एक बात और समझिए, घुसपैठियों को सिलेंडर देने की घोषणा कोई छोटी बात नहीं है। घुसपैठिये को अगर सरकार सिलेंडर देगी इसका अर्थ ये है कि किसी ना किसी तरह से, आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे उनके दूसरे ज़रूरी कागज भी गैर-कानूनी तरीके से बनवाए जाएंगे।
आरोप लगते हैं कि कई राजनीतिक दल वोट बैंक के लालच में घुसपैठियों की मदद इस तरह के कागज बनाने में करते हैं। पश्चिम बंगाल में हमने देखा कि कैसे टीएमसी नेताओं पर बांग्लादेशी घुसपैठियों के कागज बनवाने के आरोप लगे हैं।
ऐसे में निश्चित तौर पर झारखंड चुनावों के बीच ही इंडी गठबंधन से जनता को जवाब माँगना चाहिए कि वे किस आधार पर घुसपैठियों को गैस सिलेंडर देने का चुनावी वादा कर रहे हैं।
राजनीति के जानकार कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी का इतना बड़ा नेता इतनी बड़ी बात बिना आलाकमान की सहमति के नहीं कह सकता।
ऐसे में राहुल गाँधी को सामने आकर झारखंड की जनता को बताना चाहिए कि आखिरकार क्यों वे आदिवासियों के अधिकारों को छीनकर घुसपैठियों को देना चाहते हैं?