पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को तय समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। सितम्बर माह का एक सप्ताह बीतने को है और अभी तक कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन नहीं मिल पाया है।
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, “नियमानुसार सरकार आमतौर पर हर महीने की पहली तारीख को पिछले महीने के वेतन का भुगतान करती है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी मुआवजा व्यवस्था खत्म होने के बाद से ही सरकार फंड की कमी से जूझ रही है।”
पंजाब में सत्ता में आने के बाद से आम आदमी पार्टी सरकार समय से वेतन का भुगतान कर रही थी लेकिन यह पहली बार है जब वेतन में देरी हुई है। एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि सरकार ने सरकारी खजाने के लिए ब्याज के रूप में पैसा बनाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। अधिकारी आगे बताते हैं, “हमने सोचा था कि सरकार के साथ-साथ कर्मचारी कम से कम एक सप्ताह के लिए यह देरी सहन कर सकता है। हमने मंगलवार शाम को तीसरी और चौथी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया है बाकी का भुगतान बुधवार को किया जाएगा।”
रिपोर्ट के अनुसार पंजाब सरकार पर बिजली सब्सिडी का 20,000 करोड़ रुपये का बिल पहले से ही है। इसमें 18,000 करोड़ रुपए मुफ्त कृषि बिजली, उद्योगों को सब्सिडी और आम आदमी पार्टी का घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट फ्री बिजली का चुनावी वादा भी शामिल है।
पंजाब में सरकारी खजाने पर 2 सबसे बड़े बोझ वेतन और बिजली सब्सिडी के हैं। इसके अलावा ब्याज भुगतान का 20,122 करोड़ रुपये, पेंशन और सेवानिवृत्ति का 15,145 करोड़ रुपये, एडवांस और लोन का 27,927 करोड़ रुपये और डब्ल्यूएमए ( Ways and Means) का 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान पंजाब सरकार को करना है।
आम आदमी पार्टी की लोक-लुभावन चुनावी घोषणाओं का असर राज्य के वित्त पर पड़ना शुरू हो गया है। पंजाब सरकार मुगालते में थी कि केन्द्र सरकार कुछ राहत प्रदान करेगी। अधिकारी का कहना है कि “हम पहले से ही चिन्तित हैं कि अगले महीने हम 15 तारीख तक वेतन का भुगतान नहीं कर पाएंगे। पंजाब में संकट की स्थिति पैदा होने वाली है।”
ऐसे में पंजाब सरकार ज्यादा पैसा इकट्ठा करने के लिए जीएसटी, वैट और शराब इत्यादि से आने वाले टैक्स पर जोर देने की कोशिश कर रही है। इससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ना स्वाभाविक बात है।
आप सरकार ने सत्ता में आते ही केन्द्र सरकार से अतिरिक्त पैसे की गुहार लगाई थी। बतौर मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 24 मार्च, 2022 को मिले और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था, “पंजाब की आर्थिक स्थिति बदहाल है। हमने राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 2 साल के लिए केन्द्र सरकार से 50-50 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है।”
पंजाब की आर्थिकी में तमाम तरह की अनियमितताएं देखने को मिल रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संगरूर के 2 टोल प्लाजा को बन्द करने की घोषणा की। इस फैसले को जनहित में बताते हुए भगवंत मान ने कहा था, “कंपनी ने उनसे 6 महीने का समय मांगा था। समय न देने पर 50 करोड़ का मुआवजा मांगा था।”
इस घटनाक्रम पर विपक्ष का कहना है कि इन दोनों टोल प्लाजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी। ये दोनों टोल प्लाजा स्वत: ही बन्द हो गए थे। टोल प्लाजा कंपनी जिस मुआवजे की बात कर रही है, वह टोल प्लाजा के समानांतर बनी सड़क के आधार पर कर रही है। टोल से बचने के लिए इस सड़क को उपयोग किया जाता रहा है।