पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया से आ रही खबर के अनुसार पाकिस्तान में चोरी के झूठे आरोप में हिंदू महिला पर हुए हमले के विरोध में अल्पसंख्यकों ने विरोध प्रदर्शन किया है। बहावलपुर जिला पुलिस कार्यालय और उपायुक्त कार्यालय के बाहर सोमवार को बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और हिन्दुओं पर अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने अनुसार एक हिंदू महिला पर चोरी का झूठा आरोप लगाया गया और फिर उसके साथ मारपीट की गई। पीड़िता महिला यजमान मंडी क्षेत्र की रहने वाली है और नौकरानी का काम करती थी। चोरी का झूठा आरोप लगाकर लोगों के एक समूह ने उसके घर पर हमला किया और उनके साथ मारपीट की, जिसमें महिला गंभीर रूप से चोटिल हो गई।
पाकिस्तानी डॉक्टर ने नहीं किया हिन्दू महिला का इलाज
इसके बाद महिला को स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसका इलाज करने से इनकार कर दिया और उसे चिकित्सा प्रमाण पत्र भी नहीं दिया।
इसके बाद अल्पसंख्यक हिन्दुओं में रोष फैल गया और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। रैली को कुछ अल्पसंख्यक नेताओं ने संबोधित किया, और उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने आरोपियों व चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाएं सबसे बुरे दौर में
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों व महिलाओं के खिलाफ अपहरण, हत्या, बलात्कार और जबरन धर्म परिवर्तन सहित अन्य अपराध बेलगाम बढ़ते ही जा रहे हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ व्यक्तिगत रंजिशों का बदला लेने के लिए कठोर ईशनिंदा कानूनों का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है।
ईशनिंदा, इस्लाम में धर्मांतरण के नाम पर अल्पसंख्यकों की लगातार हत्या की जा रही है और अमानवीय क्रूरताओं का शिकार बनाया जा रहा है। एक पैटर्न के तहत ऐसे अनेक मामले सामने आ रहे हैं जिसमें पहले तो हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है, फिर उनसे ज्यादती की जाती है और जबरन धर्मान्तरण कराकर किसी मुस्लिम पुरुष से विवाह करा दिया जाता है।
पाकिस्तान में दुनिया न्यूज द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2021 के पहले आधे भाग में पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में 6,754 महिलाओं का अपहरण किया गया जिसमें से 1890 के साथ बलात्कार हुआ, 3,721 को प्रताड़ित किया गया और 752 बच्चों का यौन शोषण किया गया। कहना न होगा कि इसमें सबसे ज्यादा प्रताड़ित महिलाऐं अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।
पाकिस्तान में नहीं थम रहे हिन्दू, सिख लड़कियों के अपहरण, बलात्कार और धर्मान्तरण के मामले
IFFRAS की रिपोर्ट ने उगला पाकिस्तान का सच
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (IFFRAS) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में रूढ़िवादी इस्लाम तेजी से बढ़ता जा रहा है, और हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति बेहद खराब हो गई है।
पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अहमदिया समाज की स्थिति समान रूप से खराब है, लेकिन इन समाजों की महिलाएं अधिकारियों, राजनीतिक समूहों, धार्मिक दलों, सामंती ढांचे और मुस्लिम बहुसंख्यकों के भेदभावपूर्ण रवैये और अत्याचार की सबसे बुरी शिकार बन गई हैं।
IFFRAS की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में जिन धार्मिक अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, विवाह और दुर्व्यवहार किया जाता है, उनके परिवार कानूनी तौर पर इन अपराधों को चुनौती देने में पूरी तरह असफल होते हैं।
अपहरण, जबरन धर्मांतरण, जबरन निकाह, द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों के भाग्य को सील कर दिया जाता है क्योंकि पाकिस्तान के मौजूदा कानून ऐसे मामलों को संभालने में पूरी तरह नाकाम है।
IFFRAS की यह भी कहा कि मानवाधिकार समूह वर्षों से पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का दस्तावेजीकरण करते रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया के कारण यह सब अत्याचार अब समाचारों में आ रहे हैं और लोगों का ध्यान खींच रहे हैं, वरना पहले यह मामले दबे ही रह जाते थे।
एक दिन पहले ही भारत ने UN में पाकिस्तान को घेरा था
घटना के एक दिन पहले ही बुधवार को UNES (संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक) की उच्च स्तरीय बैठक में भारत के संयुक्त सचिव, श्रीनिवास गोत्रू ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी।
भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की अल्पसंख्यकों और कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि, “यह विडंबना है कि जिस इस्लामाबाद ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है, और वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में बात कर रहा है।”
“आश्चर्यजनक है कि जिस देश ने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के अपने शर्मनाक रिकॉर्ड को छिपाने के लिए इसका डेटा प्रकाशित करना भी बंद कर दिया है, उसने इस विषय को भी उठाया है। इनका अल्पसंख्यक अधिकारों का घोर उल्लंघन करने का एक लंबा इतिहास रहा है जिसे दुनिया ने देखा है। पाकिस्तान सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों और अहमदियों के अधिकारों का लगातार घोर उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान में, हजारों महिलाओं और बच्चों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों का अपहरण, जबरन विवाह और धर्मान्तरण किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश, हमारे थे, हमारे हैं और हमेशा भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से रहेंगे, भले ही पाकिस्तान के प्रतिनिधि कुछ भी मानते रहें या लालच करते रहें। हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने का आह्वान करते हैं ताकि हमारे नागरिक स्वतंत्रता का जीवन जी सकें। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान ऐसी बैठकों का दुरुपयोग और राजनीतिकरण करने की कोशिशों से बाज आएगा।”
पाकिस्तान ने भारत पर की थी फर्जी बयानबाजी
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए झूठे दावे किए थे कि भारत एक हिंदू वर्चस्ववादी राज्य में बदल रहा है।
पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों की मदद करने हिंदू मंदिर आया सामने