अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में एक गुप्त चीनी स्वामित्व वाली जैव प्रयोगशाला में विभिन्न जैविक पदार्थों की हजारों शीशियाँ छिपी हुई पाई गई हैं, जिनमें कुछ पर ‘एचआईवी’ लेबल और एक फ्रीजर पर ‘इबोला’ अंकित हुआ पाया गया है। बुधवार (नवंबर 15,2023)को जारी हाउस कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार इनको एफबीआई और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों ने पहले जांच करने से इनकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि यह अवैध प्रयोगशाला कैलिफ़ोर्निया में चालू थी और इससे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा था। दिसंबर, 2022 में इसका खतरा सामने आया था जब एक पर्यवेक्षक कोड प्रवर्तन अधिकारी जेसलिन हार्पर ने एक गोदाम के किनारे एक छेद में हरे बगीचे की नली देखी जो कि करीब एक दशक से खाली माना जाता था।
इस अवैध लैब के अंदर हार्पर को विनिर्माण उपकरण, प्रयोगशाला उपकरण, शीशियां, मेडिकल-ग्रेड फ्रीजर और लैब चूहे मिले। शीशियों पर अंग्रेजी और मन्दारिन भाषा में और एक कोड में लेबल लगाया गया था जो अभी तक समझ में नहीं आया है।
उन्होंने लैब कोट पहने हुए कई व्यक्तियों की भी पहचान की थी, जिन्होंने खुद को चीनी नागरिक बताया। हार्पर की खोज के बाद शहर में नौ महीने की लंबी जांच शुरू हुई थी। इस जांच में एफबीआई और सीडीसी द्वारा मामले की अनदेखी के बाद अंततः प्रतिनिधि जिम कोस्टा को शामिल किया गया था।
वहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की हाउस सेलेक्ट कमेटी ने 42 पन्नों की रिपोर्ट में कथित चीनी स्वामित्व वाली अनुसंधान प्रयोगशाला में चौंकाने वाले निष्कर्षों के बारे में लिखा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की हाउस सेलेक्ट कमेटी ने सितंबर में इस मामले पर अपनी जांच शुरू की थी।
उनकी रिपोर्ट में कहा गया था कि स्थानीय अधिकारियों ने सीडीसी से सहायता प्राप्त करने की कोशिश में कई महीने बिता दिए हैं। सीडीसी ने उनके साथ बात करने से इनकार कर दिया और कई मौकों पर, स्थानीय अधिकारियों द्वारा यह बताया गया कि सीडीसी ने उनका फोन नहीं उठाया।
कांग्रेस के जांचकर्ताओं के अनुसार स्थानीय अधिकारी अन्य संघीय एजेंसियों से कोई मदद पाने में असमर्थ थे, जिसमें एफबीआई भी शामिल थी। स्थानीय अधिकारियों को एफबीआई द्वारा सूचित किया गया था कि उसने अपनी जांच बंद कर दी थी क्योंकि ब्यूरो का मानना था कि संपत्ति पर सामूहिक विनाश के कोई हथियार नहीं थे।
वहीं, कोस्टा की मदद से सीडीसी अधिकारी अंततः ग्रीले बायो लैब तक पहुंचे और लगभग 20 संभावित संक्रामक एजेंटों की पहचान की, जिनमें कई ‘गंभीर या घातक मानव रोग’ शामिल थे।
एजेंसी द्वारा पहचाने गए कुछ संभावित संक्रामक एजेंट हैं SARS-CoV-2, क्लैमाइडिया, एचआईवी, ई. कोली, स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया, हेपेटाइटिस बी और सी, डेंगू वायरस, रूबेला वायरस और मलेरिया। हालाँकि, शहर के अधिकारियों द्वारा परीक्षण के लिए भुगतान करने का निर्णय लेने के बाद भी, सीडीसी ने नमूनों का परीक्षण नहीं करने या उन शीशियों की जांच नहीं करने का निर्णय लिया, जिन पर लेबल नहीं था।
यह भी पढ़ें- आतंकी निज्जर की हत्या में चीन का हाथ? ब्लॉगर ने चीन पर ‘भारत को फंसाने की साजिश’ का लगाया आरोप