संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी UNESCO ने सोमवार (सितंबर 18, 2023) को एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर जानकारी दी है कि कर्नाटक स्थित होयसल के पवित्र मंदिर समूह को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना के स्थल शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे गर्व का पल करार दिया।
उल्लेखनीय है कि होयसल के पवित्र मंदिर समूह अप्रैल 15, 2014 से ही यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल रहे हैं। हालांकि वर्ष 2022-23 के लिए हुए विश्व धरोहर सूची में मंदिर को लेकर भारत के नामांकन को स्वीकार कर लिया गया है।
विश्व धरोहर सूची को लेकर यूनेस्को का मानना है कि जब कोई देश विश्व धरोहर सम्मेलन का हस्ताक्षरकर्ता बन जाता है और इसके स्थलों को विश्व धरोहर की सूची में शामिल कर लिया जाता है तो इससे संबंधित देश के नागरिकों एवं सरकार के बीच विरासत संरक्षण के प्रति गंभीरता बढ़ जाती है। इसके साथ ही देश इन बहुमूल्य स्थलों की सुरक्षा के उद्देश्य से प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए विश्व धरोहर समिति से वित्तीय सहायता और विशेषज्ञ मार्गदर्शन का लाभ भी उठा सकता है।
उल्लेखनीय है कि विश्व धरोहर की सूची में होयसल के पवित्र मंदिरों को मिलाकर भारत के अन्य 41 ऐतिहासिक महत्व के स्थल शामिल हैं। फिलहाल जिन तीन होयसल मंदिरों को इस सूची में शामिल किया गया है वो पहले से ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षित स्मारक हैं।
विश्व धरोहर की सूची में अपना स्थान बनाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया दी कि मंदिर देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण हैं। होयसलों की भव्य पवित्र टुकड़ियों को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है। होयसला मंदिरों की शाश्वत सुंदरता और जटिल विवरण भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हमारे पूर्वजों की असाधारण शिल्प कौशल का प्रमाण हैं।
इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देशवासियों को पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन और कर्नाटक में होयसल मंदिर को सूची में शामिल करने पर बधाई दी। शाह ने एक्स पर लिखा कि शांतिनिकेतन मानव सभ्यता के अनंत विकास को बढ़ावा देता है। वहीं होयसल के मंदिर हमारी शिल्पकला की परिकाष्ठा है। दो ऐतिहासिक विरासतों का यूनेस्को की सूची में शामिल होना खुशी का पल है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश के लिए एक और अच्छी खबर आ रही है। हमारी पारंपरिक कला और वास्तुकला के लिए एक और मान्यता मिली है। वहीं शांति निकेतन को विश्व धरोहर की सूची में जगह मिलने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह खुशी और गर्व का पल है।
होयसल के इतिहास की बात करें तो इनका निर्माण 12-13वीं शताब्दी में किया गया था। कला एवं साहित्य के संरक्षक माने जाने वाले होयसल वंश ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। भगवान शिव को समर्पित होयसल मंदिर का निर्माण 1150 ईस्वी में होयसल राजा द्वारा काले शिष्ठ पत्थर द्वारा करवाया गया था। मंदिर में हिंदू धर्म से संबंधित देवी-देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं। इन मंदिरों में न तो पूरी तरह द्रविड़ शैली है न ही नागर। ऐसे में इस अनूठी शैली के कारण यह आकर्षण का केंद्र रहते हैं।
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