वर्ष 2022 में देश के मेट्रो शहरों में घरों की बिक्री ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। वर्ष 2022 में 3.6 लाख घरों की बिक्री के साथ वर्ष 2014 का रिकॉर्ड टूट गया है। रियल एस्टेट क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था एनारॉक (Anarock) की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इससे पहले वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के अर्थव्यवस्था पर असर के कारण रियल एस्टेट कम्पनियों को मात्र 2.36 लाख घर ही बेचने में सफलता मिली थी।
गौरतलब है कि देश का रियल एस्टेट क्षेत्र लम्बे समय से मंदी झेल रहा है। बड़े बिल्डरों का समय पर निर्माण पूरा करके ना देना एवं रेरा (RERA) के सख्त नियमनों के बाद बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगने के कारण भी देश में घरों की खरीद बिक्री में शिथिलतास आई थी। कोरोना महामारी ने इस समस्या को और बढ़ाया है।
किन्तु कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार और बड़े स्तर पर बैंकों द्वारा बड़ी संख्या में लोन दिए जाने के कारण पिछले कुछ समय में मेट्रो शहरों में मकानों की बिक्री में तेज़ी आई है।
आर्थिक मामलों पर नजर रखने वाली संस्था IBEF के अनुसार, वर्ष 2021 में देश में रियल एस्टेट क्षेत्र लगभग 200 बिलियन डॉलर का था, इसके वर्ष 2030 की समाप्ति तक 1 ट्रिलियन डॉलर के हो जाने की उम्मीद है। ऐसे में रियल एस्टेट क्षेत्र में मकानों की बिक्री का तेजी से बढ़ना अच्छी खबर है।
एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत 7 बड़े शहरों में कुल 3,64,900 घर बिके जो एक रिकॉर्ड है। इससे पहले वर्ष 2014 में 3,43,000 घर बिके थे। वहीं पिछले वर्ष 2021 में 2,36,500 घर ही बेंचे जा सके थे।
सबसे पहले स्थान पर मुंबई और इसके आस-पास के इलाके में 1.09 लाख घर बिके, जबकि दूसरे नम्बर पर देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर रहे। देश की राजधानी और इसके आस-पास के इलाकों में 63,700 घर बिके।
पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी बड़े स्तर पर घरों की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिली, दरअसल इन दोनों शहरों में कई बड़ी टेक कम्पनियों के ऑफिस हैं और कोरोना के कारण लगे हुए घर से काम के नियम के खत्म होने के बाद बड़े स्तर पर कर्मचारी वापस इन शहरों की तरफ लौटे हैं। ऐसे में रहने की जगह की मांग का बढ़ना स्वाभाविक है।
पुणे में वर्ष 2022 के दौरान 57,200 और कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 49,500 घरों की बिक्री हुई।
अंग्रेज़ी समाचार पत्र फ़ायनेंशियल एक्सप्रेस से बात करते हुए एक बड़ी रियल स्टेट क्षेत्र की कम्पनी के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “वर्ष 2022 के दौरान रियल स्टेट क्षेत्र ने तेज गति से रिकवरी की है, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बढ़ी हुई मांग है। अग्रवाल ने यह भी कहा कि मध्यमवर्गीय और सस्ते घरों की मांग तेजी से बढ़ी है, जिसके पीछे सस्ते लोन और सही कीमतों के कारण इनकी बिक्री में तेजी आई। उन्होंने वर्ष 2023 के दौरान भी स्थिति के अच्छे रहने की उम्मीद जताई।”
यह भी पढ़ें: अगले 10 वर्षों में भारत होगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 2035 में 10 ट्रिलियन होगी GDP: रिपोर्ट