असम में हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार बहुविवाह की प्रथा को ख़त्म करने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर चुकी है। एक सम्मलेन में हिमंत बिस्वा सरमा ने इस्लाम में चली आ रही कुप्रथा पर रोक लगाने के लिए यह ऐलान किया है कि विधानसभा में बहुविवाह को ख़त्म करने के लिए प्रस्ताव पेश किया जाएगा और इसको कानून बनाया जाएगा।
सीएम सरमा ने कहा कि इसी वित्त वर्ष में विधानसभा में कानून पेश कर दिया जाएगा।
सरमा ने 12 मई को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति बनाई थी। फुकन के अलावा समिति के अन्य सदस्यों में राज्य के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और वरिष्ठ अधिवक्ता नेकिबुर जमान हैं। इस समिति का कहना है कि इस्लाम में चार शादियां कारना ज़रूरी नहीं है।
जब देश में यूसीसी को लेकर बहस चल रही है, असम सरकार का यह कदम यूसीसी की ओर बढ़ते एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। हिमंत ने यह भी कहा कि असम अब जाति, पंथ या धर्म को किनारे रखते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए एक सकारात्मक परिवेश तैयार करने जा रहा है।
18 जुलाई को असम सरकार ने समिति का कार्यकाल 13 जुलाई से 12 अगस्त तक एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। समिति को शुरू में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया था। इसे यूसीसी के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 25 के साथ-साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की जांच करने का काम भी सौंपा गया था।
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