हरियाणा के मेवात में दंगों की तैयारी कट्टरपंथियों ने सुनियोजित तरीक़े से सोशल मीडिया पर की थी। इस पूरे दंगे में दो बातें प्रमुख हैं- पहली सोशल मीडिया और दूसरी, मेवात की जियोग्राफी। ये दोनों बातें मेवात में लंबे समय से चल रहे सायबर अपराधों की ओर इशारा करती हैं, इसके अलावा ये बात भी सामने आई है कि मेवात में दंगे भड़काने के लिए राजस्थान से भी कट्टरपंथी गाड़ियाँ भरकर हिंदुओं पर हमला करने पहुँचे थे। एक और चीज जो सामने आई है, वो ये है कि इन दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों को इस बार अपना निशाना क्यों बनाया?
समाचार चैनल इंडिया टुडे की एक ग्राउंड रिपोर्ट में मेवात के स्थानीय लोग ये कहते देखे जा सकते हैं कि नूँह में दंगे भड़काने के लिए मेवात की सीमा से लगे पड़ोसी इलाक़ों से भी दंगाई वहाँ पहुँचे थे। ये राजस्थान से गाड़ियाँ भरकर आए और उन्होंने पुलिस के साथ-साथ जलाभिषेक के लिये शिव मंदिर जा रही शोभायात्रा में मौजूद लोगों को निशाना बनाया।
इन दंगों के बीच जो FIR दायर हुई हैं, उनमें से पुलिसकर्मियों ने बयान लिखवाए हैं कि दंगाइयों ने उन्हें पहाड़ी में घेरा, उनका हथियार छीन लिया और उन पर हमला किया। एक अन्य खबर में एक पुलिसकर्मी को पास के ही एक घर में छिपना पड़ा जहां पहले से ही एक हिंदू अपने बच्चे के साथ बुर्का उड़ इस्लामी प्रत्येक पहनकर अपनी जान बचाने के लिए छिपा था।
एक और खबर भी सुन लीजिए, नूँह के एक जज की गाड़ी को कट्टरपंथियों ने आग के हवाले कर दिया उन्होंने अपनी जान बस के एक वर्कशॉप में छिपकर बचाई। यानी जहां आपको खबरों में सिर्फ़ ये साबित करने का प्रयास किया रहा है कि इन दंगों में हमलावर ही पीड़ित हैं, वहीं ठीक उसी समय इन दंगों की प्रमुख बातें आप तक नहीं पहुँच रही हैं।
नूंह को ही कभी मेवात जिले के नाम से जाना जाता था, और 2016 में इसका नाम बदल दिया गया। ये ज़िला लगभग 1900 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है, जहां 2011 की जनगणना के अनसुअर, 10.89 लाख की आबादी रहती है। इस आबादी में 80% मुस्लिम हैं और 20% आबादी हिंदू। अब यहाँ पर आप एक शब्द सुन रहे होंगे, जिसे एक्स्ट्रमिज्म कहते हैं।
एक्सट्रीमिज्म क्या है? एक्सट्रीमिज्म ये है कि आप अपने साथियों की रक्षा कर रहे हो या फिर एक्सट्रीमिज्म ये है कि आप लॉ एंड ऑर्डर को कुछ न समझो और एक धर्म के खिलाफ दूसरों को भड़काओ। आपने यह वीडियो देखी जिसमे एक इस्लामी YouTuber स्पष्ट रूप से अपनी नफरत उगल रहा है और हिन्दुओं को धमकी दे रहा है।
ये कोई सामान्य धमकी नहीं है, बल्कि यह इस तथ्य पर फिर मोहर लगता है कि मेवात में बृजमंडल यात्रा पर हुआ हमला नूँह में बसे दंगाईयो का पहले से प्लान किया गया था। ये योजना सिर्फ हिन्दुओं के विरुद्ध ही नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी बनाई गई थी।
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अपनी योजना के अनुसार कट्टरपंथियों ने हिन्दू श्रद्धालुओं पर उस समय हमला किया जब वे मंदिर में जलाभिषेक कर के आगे फिरोजपुर झीरका की तरफ बढ़ रहे थे। हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस भी लगाई गई थी।
दंगाइयों के इस हमले में २ होमगार्ड्स की भी मौत हुई, SHO के पेट में गोली लगना, दर्जनों घायल पुलिसकर्मियों का अस्पतालों में होना, ये दर्शाता है कि हिंदुओं की धार्मिक यात्रा के बाद पुलिस उन दंगाइयों का दूसरा बड़ा निशाना था।
वैसे आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिर यह लोग पुलिस की मूवेमेंट पर इतना नजर क्यों रखते हैं और इस दंगे के दौरान हिन्दुओं के साथ ही पुलिसकर्मियों और थानों पर हमला क्यों किया गया?
ये हमला पूरा मिलिट्री प्लानिंग की तरह किया गया था। इन मुस्लिम दंगाइयों ने फिरोजपुर झीरका की तरफ जाने वाली सड़क के चारों तरफ खेतों से लेकर पहाड़ों तक अपनी पोजीशन ली हुई थी। इनका लक्ष्य था कि जब श्रद्धालू और पुलिसकर्मी सड़क पर फंस जाएंगे तो यह ऊपर से फायरिंग करेंगे और एक एक करके सबको मार देंगे।
यह पहाड़ इनके लिए किसी सैनिक आउटपोस्ट की तरह काम करते हैं, यहाँ से यह सड़क की हर मूवमेंट पर नजर रखते हैं और अगर पुलिस या अन्य कोई व्यक्ति इनके इलाके में आता है तो यह अपने लोगों को इसके विषय में सूचित कर देते हैं। एक जानकारी के अनुसार, किसी भी तरह की कार्रवाई से बचने के लिए यह दंगाई लगातार पहाड़ों पर जमे रहते हैं।
सायबर अपराध का अड्डा है मेवात
हरियाणा और राजस्थान के बीच बंटा मेवात इलाका बीते कुछ सालों से सायबर अपराध का गढ़ बना गया है। जब केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद मेवातियों का गो-तस्करी का धंधा कम होने लगा और मोनू जैसे गो-रक्षक इन पर लगाम लगाने लगे तो इन्होने अपराध का तरीका बदल लिया।
आपने दंगों की फुटेज में देखा होगा कि दंगाइयों ने इस इलाक़े में सायबर थाने को जलाया उसे तोड़ा और रिकॉर्ड खत्म करने का प्रयास किया। ये इसलिए किया गया ताकि मेवाती सायबर अपराधी बच सकें। बीते कुछ समय से पुलिस इन सायबर अपराधियों पर सख्त है जिसकी वजह से यह लोगों से ठगी नहीं कर पा रहे।
इन मेवाती मुस्लिमों की ठगी का तरीका भी सुन लीजिए, ऐसी जानकारी सामने आई हैं जिनमें खुलासा हुआ है कि मेवात में सायबर ठगी का बक़ायदा कोर्स कराया जाता है और 7 दिनों के भीतर एक प्रोफेशनल सायबर ठग तैयार हो जाता है। बैंक खातों से जालसाजी करना, फर्जी सिम के सहारे खाते से पैसे निकाल लेना, लोगों को मैसेज करके उनकी बिजली, बैंक या गैस कनेक्शन आदि के बंद होने के विषय में फर्जी जानकारी देकर उनसे पैसे ठगना, ये सब काम मेवात में धड़ल्ले से हो रहे थे।
इन सब में एक सबसे ऊंचा धंधा हनी ट्रैप का था, जिसमें कोई लड़की बनकर किसी को मैसेज करता है और उससे वीडियो कॉल करके फिर उसे ब्लैकमेल किया जाता है।
राजस्थान और मेवात से लगी सीमाओं पर ये कट्टरपंथी इसलिए निडर होकर यह सब काम अपने इलाके में कर पाते हैं क्योंकि इनके मन में कहीं ना कहीं ये विचार है कि यह उनका इलाका है। अगर पुलिस किसी तरह इन्हें ट्रैक करके अंदर आ भी जाती है तो भीड़ में इकट्ठा होकर यह अपराधी को पकड़ने नहीं देते। आसान शब्दों में कहें तो मेवात को यह एक सेफ हैवेंन की तरह यूज करते हैं। यहाँ यह पहाड़ों पर अपने आदमी खड़े करते हैं जो बाहर से आने जाने वालों की मूवमेंट पर नजर रखते हैं और खुद यह सब खेतों गुफाओं में जा जाकर ठगी करते हैं।
लेकिन पुलिस के खिलाफ गुस्सा क्यों फूटा? क्योंकि पुलिस अब इनकी इन तकनीकों को मात देकर इनको गिरफ्तार कर रही है। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों सामने आया जब सेकुल नाम के अपराधी को पुलिस ने फरीदाबाद निवासी सुब्रत सिन्हा ने जालसाजी का एक मामला दर्ज कराया था। फरीदाबाद थाना एसआई सुबे सिंह ने बताया कि सुब्रत को कोलकाता में फ्लैट दिलाने के नाम पर 1.90 लाख की ऑनलाइन ठगी की गई थी। जांच में 5 आरोपियों धर्मेद्र, नरेंद्र, शाबिर, मोहम्मद अली और सैकुल के नाम सामने आए।
पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ सायबर ठगी/ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत सायबर थाना एनआईटी में मुकदमा नंबर 29 दर्ज किया गया। पुलिस ने इनमें से 4 आरोपियों धर्मेद्र, नरेंद्र, शाबिर और मोहम्मद अली को यूपी के टप्पल से पकड़ा था।
उनसे पूछताछ की तो सैकुल खान का नाम सामने आया। जिसे मुंबई-बडोदरा एक्सप्रेस-वे से 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। 21 जुलाई को पांचों को फरीदाबाद कोर्ट में पेश कर 10 दिन की रिमांड पर लिया गया। सभी का फरीदाबाद में बीके हॉस्पिटल में मेडिकल करवाया गया।
इसके बाद गोविंदगढ़ में सैकुल के परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना दी। 22 जुलाई को भी शेकुल को साँस लेने में दिक्कत आई थी जिसका अस्पताल से इलाज करवा कर फिर वापस थाने लाया गया था। 23 जुलाई को सैकुल को फिर साँस लेने में आ रही दिक्कत के चलते अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सैकुल की मौत की सूचना मिली तो गोविंदगढ़ (अलवर) में पुरानी तहसील पर लोगों की भीड़ जुट गई। परिजन और अन्य लोग घटना के विरोध में धरने पर बैठ गए। स्थानीय पुलिस से हरियाणा पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। नूंह के विधायक आफताफ अहमद, फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान भी उनके साथ सड़क पर बैठ गए.
हरियाणा के नूह से कॉन्ग्रेस विधायक आफ़ताब अहमद खान ने शुरू से ही सैकुल खान की मौत केस में प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किया। पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न होने की दशा में सड़क से विधानसभा तक आंदोलन अपकी चेतावनी भी दी।
जुबेर खान, मेवात विकास बोर्ड मंत्री ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा था कि वो हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।
यहाँ पर मेवात के ही एक कट्टरपंथी जाबिर का बयान भी सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है। जाबिर इस वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है कि, “मैं जनता से कह रहा हूँ। अगर CIA पुलिस किसी गाँव में बिना इन्फॉर्मेशन के घुसे, आपका स्थानीय थाना न रहे। हाथ-पैर तोड़ दो। छिद्दी-छिद्दी कर दो। क्योंकि सेल्फ डिफेन्स के लिए धारा है। कह देना साहब कि गुंडे हैं हमें क्या पता। स्टार थोड़ी लग रही है। माथे पर थोड़े लिखा है। ये हमारी रक्षा करने के लिए आए हैं? क्योंकि ये आतंकी बन चुके हैं मेरे भाई।”
तो मेवात में ये सारा गुस्सा किसलिए था? क्योंकि इससे कुछ दिनों पहले हुई कार्रवाई में पुलिस ने इनकी कमर तोड़ दी थी।
लम्बे समय से सायबर ठगों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई से उनका धोखाधड़ी का धंधा न केवल चौपट हो रहा था अपितु करोड़ों रूपये डूब चुके थे। पुलिस की लगातार रेड से उन गांवों के लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश था।
हाल ही में नूँह के पुन्हाना कस्बे के बिछौर थाना एरिया के 14 गांवों में 300 लोकेशन पर हुई इस कार्रवाई में अलग-अलग जिलों के 5000 पुलिसकर्मी शामिल हुए थे जिसमें एसपी मेवात के नेतृत्व में 14 डीएसपी 6 एएसपी ने 102 रेडिंग टीमों के साथ रेड को अंजाम दिया।
इस दौरान पहले से आइडेंटिफाई किए गए आरोपियों, उनके साथियों व परिचितों को मिलाकर करीब 207 लोगों को पुलिस ने कस्टडी में लिया सबसे ज्यादा 31 आरोपी नई गांव के हैं। लुहिंगा कला के 25, जयवंत के 20, जखोपुर के 20, खेड़ला के 17, तिरवड़ा के 17, अमीनाबाद के 11 आरोपी पकड़े गए।
इस रेड की पूरी प्लानिंग भोंडसी थाने में बेहद गोपनीय तौर की गई थी। इन सारे अपराधियों से 66 मोबाइल, 65 सिमकार्ड, 166 आधार कार्ड, 3 लैपटॉप, अलग-अलग बैंकों के 128 डेबिट कार्ड, 2 कार्ड स्वाइप मशीन, 1 एईपीएस मशीन, 6 स्कैनर, 5 पैन कार्ड बरामद किए गए। आरोपियों के पास से 7 अवैध हथियार, 2 कारतूस, 2 कार, 4 टैक्टर-ट्राली, 22 बाइक भी बरामद की गई हैं।
यह केवल एक कार्रवाई का ब्यौरा है, ऐसी ही ना जाने कितनी कार्रवाई लगातार हरियाणा के मेवात में हो रही थी, इससे तिलमिलाए मुस्लिमों ने हिन्दुओं के साथ मौका पाते ही पुलिस कर्मियों पर हमला बोल दिया, उन्होंने रिकॉर्ड जला दिए।
वैसे यह पैटर्न कोई पहली बार नहीं इस्तेमाल हुआ है, इससे पहले कर्नल (रिटायर्ड) हनी बक्शी से बातचीत में इस बात को उन्होंने भी रखा था कि कैसे अफीम की खेती पर चोट करने के कारण वहां पर कुकी समुदाय गुस्सा थे और समय आते ही उन्होंने राज्य में उत्पात मचाया।
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