उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की भूमि में हुए अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलने का मामले की सुनवाई आख़िरकार कोर्ट में पहुँच गई। इस प्रकरण में बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए और इस मामले में समाधान की जरूरत है।
अदालत ने अतिक्रमण हटाने के आदेश पर रोक लगाने के साथ राज्य सरकार एवं रेलवे को नोटिस भी जारी किया है।
कोर्ट ने 7 दिन में जगह छोड़ने का आदेश बताया ग़लत
सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा रेलवे के हित को ध्यान में रखते हुए जिन लोगों का जमीन पर अधिकार नहीं है उन्हें पुनर्वास योजना के साथ हटाना होगा।
कोर्ट ने इसके साथ ही रेलवे के साथ-साथ उत्तराखंड राज्य को भी नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 7 फ़रवरी को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह एक मानवीय नज़रिए से देखे जाने का मुद्दा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “COVID के दौरान आदेश पारित किए गए हैं, हम आपसे सिर्फ विचार करने के लिए कह रहे हैं। आपको सिर्फ यह जांचना है कि क्या लोग पुनर्वास के हकदार हैं?”
कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए कहा कि जिस मुद्दे पर विचार किया जाना है वह राज्य का रुख है। मामला जमीनों की नीलामी का भी है। न्यायाधीश ने कहा कि 7 दिनों में लोगों को उखाड़ा नहीं जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट में अतिक्रमण के कागज माँगने और उनके सत्यापन की भी बात कही।