उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है जिसके बाद अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। केंद्रीय मंत्री ने पत्र में दावा किया है कि हलाल सर्टिफिकेशन और कारोबार के पीछे एक बड़ा षडयंत्र चल रहा है।
इस पत्र में उन्होंने हलाल सर्टिफिकेशन और सामाजिक रूप से भेदभावपूर्ण और आतंकवादी गतिविधियों में संभावित भागीदारी के बीच कथित संबंध के बारे में चिंता जताई है। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इस कदम का समर्थन किया है।
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार से अनुरोध है कि “हलाल सर्टिफ़ाइड” पर बैन लगाया जाएं।@NitishKumar pic.twitter.com/GAcFFi8t6K
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 22, 2023
इस पत्र में गिरिराज सिंह ने प्रकाश डालते हुए लिखा कि बिहार में कई खाद्य पदार्थों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों में हलाल कारोबार चल रहा है। जिसमे खाद्य तेल से लेकर ड्राई फ्रूट, मिठाइयां और दवाइयों जैसे हर स्वास्थ्य उपकरण में शामिल हैं। यहाँ तक कि बिहार में कुछ ऐसी भी संस्थाएं हैं जो हलाल सर्टिफिकेट देने की आदि हो गई हैं। सामान बनाने वाली कंपनियों को पैसा देकर सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। जिसको लेकर उन्होंने अनुरोध किया है कि “बिहार जैसे बड़े राज्य में हलाल उत्पादों के नाम पर जो जिहाद चल रहा है, उस पर प्रतिबंध लगाकर ऐसे षड्यंत्रकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
आपको बता दें हाल ही में उत्तर प्रदेश में निर्मित उत्पादों को छूट देते हुए डेयरी, परिधान और दवाओं सहित कुछ हलाल-प्रमाणित उत्पादों के वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।
इसी के साथ इस पत्र में यह भी कहा गया है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) देश का शीर्ष निकाय है जो देश में बेचे जाने वाले अधिकांश खाद्य उत्पादों के लिए मानकों का निर्धारण करता है और यह निर्धारित करता है कि खाद्य उत्पादों को किन मानकों को पूरा करना चाहिए। उनका यह भी मानना है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश में हलाल संबंधी कारोबार 2 ट्रिलियन डॉलर तक है, जिसका संबंध आतंकवादी गतिविधियों से भी जुड़े होने की बात सामने आई है। यही कारण है कि इसकी गहराई से कार्रवाई होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की और से यह पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा जा चुका है अब देखना यह होगा की क्या बिहार में भी हलाल सर्टिफिकेशन पर बैन लगेगा या इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा टाला जाएगा।
यह भी पढ़े : भारत में सरकारी नियमों के बगैर हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी किया जाना एक गम्भीर विषय