वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 11 जुलाई को कैंसर तथा अन्य दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए अवश्य दवाओं को जीएसटी से छूट देने के जीएसटी काउंसिल के फैसले की घोषणा की। दुनियाभर में कुल 7,000 से अधिक दुर्लभ बीमारियाँ हैं, जिनमें से केवल 450 की पहचान भारत में की गई है। इनमें हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल रोग आदि जैसी चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं। कई मरीजों को आजीवन उपचार और प्रबंधन की आवश्यकता होती है।
दुर्लभ बीमारियों के लिए आयातित दवाओं और सम्बंधित खाद्य पदार्थों पर वर्तमान में 5-12% का आईजीएसटी लगता है, जिससे उनकी क़ीमतें बढ़ जाती है। ऐसी दवाओं पर जीएसटी हटाने से कीमतें कम होंगी और उपचार किफायती होने की संभावना है।
सरकार के इस छूट से, दुर्लभ बीमारियों जैसे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA), लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर (LSD), पोम्पे रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, स्पाइना बिफिडा, हीमोफिलिया आदि रोगों के लिए दवाओं को बाहर से आयात करने पर कर माफ कर दिया है। इस इनिशिएटिव का उद्देश्य, इन रोगों से पीड़ित लोगों को सस्ते और सहज उपचार पहुंचाना है। यह निर्णय बीमारियों के इलाज की कठिनाइयों को कम करने, रोगियों और उनके परिवारों को आराम देने, और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास है।
रोगी समूहों और कार्यकर्ताओं की लंबे समय से मांग थी कि सरकार सामर्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल पहुंच में सुधार के लिए इन दवाओं पर शुल्क और कर कम करे। 11 जुलाई को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में चिकित्सा संबंधी चार वस्तुओं पर जीएसटी में कमी की गयी और कैंसर में उपयोगी तीन दवाओं को जीएसटी मुक्त किया गया।
स्वस्थ भारत के लिए हाल ही में कई सराहनीय कदम उठाए गए है जिनसे मध्य वर्ग और गरीब कल्याण पर स्वास्थ्य सेवाओं की क़ीमतों पा सकारात्मक असर पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश के शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 का शुभारंभ किया। मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से भारत में आदिवासी समुदायों के बीच सिकल सेल रोग से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करना है।
जीएसटी काउंसिल ने बच्चों में न्यूरोब्लास्टोमा के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कैंसर की दवा डिनुटुक्सिमैब को जीएसटी से छूट दे दी है। दवा की कीमत 36 लाख रुपये है और पहले इस पर 12% जीएसटी लगता था। यह दवा व्यक्तियों द्वारा न्यूरोब्लास्टोमा से पीड़ित अपने बच्चों के इलाज के लिए व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात की जाती है। 12% की उच्च जीएसटी दर ने इन परिवारों के लिए वित्तीय बोझ बढ़ा दिया था। काउंसिल के फैसले से दवा की कीमत कम होकर मरीजों के लिए अधिक किफायती हो जाएगी।
कैंसर और दुर्लभ बीमारी की दवाओं से जीएसटी हटाने से भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए गेम चेंजर बनने की क्षमता है। कैंसर से लड़ने वाली दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं और विशेष चिकित्सा उद्देश्यों के लिए खाद्य उत्पादों को जीएसटी कर से छूट देने का जीएसटी परिषद का निर्णय सभी के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी दरों में कमी की नीति परिवर्तन स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाने और दुर्लभ दवाओं पर जीएसटी के संबंध में जनता द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा देकर, इस निर्णय से उन लोगों की काफी संख्या में लाभ होने की उम्मीद है जिन्हें महत्वपूर्ण चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
ये सारे कदम हेल्थकेयर सेक्टर में एक रिवोल्यूशन का काम कर रही है जो कि मोदी सरकार के विजन और मिशन “स्वस्थ भारत समृद्ध भारत” को साकार बनाता है।