देश के कर संग्रह में बढ़ोतरी लगातार बनी हुई है। मई माह में देश के वस्तु एवं सेवा कर (GST) का संग्रह ₹1.57 लाख करोड़ रहा है। पिछले वर्ष के मई माह की तुलना में यह 12% अधिक है। GST का संग्रह पिछले 14 महीनों से लगातार 1.4 लाख करोड़ के ऊपर बना हुआ है।
मई माह में कुल GST संग्रह ₹1,57,909 करोड़ रहा है, यह मई 2022 में ₹1,40,885 करोड़ रहा था। वित्त मंत्रालय का कहना है कि ऐसा पांचवी बार हुआ है जब एक माह का GST संग्रह ₹1.5 लाख करोड़ से ऊपर रहा है। इससे पहले अप्रैल माह में ₹1.67 लाख करोड़ का रिकॉर्ड GST संग्रह हुआ था।
इस संग्रह में CGST (GST का केन्द्रीय हिस्सा) ₹28,411 करोड़ रहा है जबकि राज्यों द्वारा लिया जाने वाला SGST ₹35,828 करोड़ रहा है। इस दौरान राज्यों के बीच माल की बिक्री पर लगने वाले कर IGST का संग्रह ₹81,363 करोड़ रहा है। सेस के रूप में सरकार के कोष में ₹11,489 करोड़ रुपए आए हैं।
सर्वाधिक GST महाराष्ट्र से संग्रहित किया गया है। महाराष्ट्र से मई 2022 की तुलना में 16% की बढ़ोतरी के साथ ₹23,536 करोड़ का संग्रह हुआ है। कर्नाटक से ₹10,317 करोड़ और गुजरात से ₹9,800 करोड़ रुपए का GST संग्रह किया गया है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश से 7,468 करोड़ और तमिलनाडु से ₹8,953 करोड़ रुपए का GST संग्रह हुआ है।
राज्यों और केंद्र को आपस में कर के इस बंटवारे के बाद क्रमशः ₹65,597 करोड़ और ₹63,780 करोड़ रुपए मिले हैं। लगातार बढ़े हुए GST संग्रह से स्पष्ट है कि देश में मांग अभी बनी हुई है उसकी पूर्ति के लिए उद्योग-धंधे लगातार चल रहे हैं। उद्योग-धंधों में तेजी के कारण GST का संग्रह भी बढ़ रहा है। GST के लिए सामने आए आंकड़ों से यह भी स्पष्ट है कि देश के कारोबारियों का कर व्यवस्था में विश्वास लगातर बढ़ रहा है।