भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) को सरकार द्वारा सोशल मीडिया हेतु अपीलीय पैनल बनाने के प्रस्ताव पर कानूनी मामलों के विभाग से अंतिम मंजूरी मिल गई है।
इसके बाद सोशल मीडिया मंचों पर उपलब्ध सामग्रियों एवं अन्य मुद्दों को लेकर दर्ज शिकायतों का संतोषजनक निपटारा नहीं किए जाने पर सरकार सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के खिलाफ सुनवाई कर कार्रवाई कर पाएगी। यह सोशल मीडिया से जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए एक अधिक प्रभावी तंत्र होगा। फेसबुक एवं व्हॉट्सऐप का नियंत्रण करने वाली कंपनी मेटा ने भी ऐसे ही एक अपीलीय ढाँचे की माँग की थी।
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर यूजर चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मटीरियल से लेकर न्यूडिटी, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट का उल्लंघन, अफवाह या फर्जी जानकारी, कंटेंट के द्वारा धमकी, देश की एकता और अखंडता प्रभावित करने वाले पोस्ट आदि को रिपोर्ट कर सकेंगे।शिकायतों पर सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा लिए गए एक्शन से अगर कोई यूजर संतुष्ट नहीं हैं तो वो अपीलीय समिति के पास 30 दिनों के अंदर अपनी शिकायत कर सकेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि शिकायत अपीलीय पैनल का गठन सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम, 2021 में कुछ फेरबदल के बाद किया जाएगा।
इस बदलाव के लागू होने के तीन महीने के भीतर केंद्र एक या अधिक शिकायत अपीलीय समितियों का गठन करेगा। प्रत्येक समिति में एक अध्यक्ष और केंद्र द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे, जिनमें से एक सरकारी अधिकारी होगा। इसमें दो ‘स्वतंत्र सदस्य’ भी होंगे।
उपयोगकर्ताओं की अपील से निपटने के दौरान अपीलीय समिति को ऐसे लोगों से सहायता लेने की अनुमति मिलने की भी उम्मीद है, जिनके पास किसी विषय में पर्याप्त विशेषज्ञता और अनुभव हो।
समिति ‘ऑनलाइन विवाद समाधान तंत्र’ का तरीक़ा अपना सकता है, जहाँ शिकायत दर्ज़ होने से लेकर अंतिम निर्णय तक पूरी अपील प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। सोशल मीडिया कंपनियों को भी समिति द्वारा पारित हर आदेश को संकलित करना होगा और उनकी संबंधित वेबसाइट्स पर रिपोर्ट करना होगा।