टीएमसी नेता साकेत गोखले एक बार फिर फेक न्यूज फैलाते हुए पकड़े गए हैं। दरअसल साकेत गोखले ने जी20 शिखर सम्मेलन में किए गए खर्च पर शुक्रवार (सितंबर 8, 2023) को सवाल खड़े किए। गोखले ने दावा किया कि वर्ष 2017 में हैम्बर्ग में हुए शिखर सम्मेलन के आयोजन में जर्मनी ने जितना खर्च किया था, उससे सात गुना अधिक खर्च भारत ने किया है।
टीएमसी नेता का दावा है कि मोदी सरकार ने केवल दिल्ली पर 44.9 करोड़ यूरो यानी करीब 4100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। यह खर्च उसी जी20 शिखर सम्मेलन में जर्मनी जैसे विकसित देश द्वारा किए गए खर्च से सात गुना अधिक है। जी20 के बजट को लेकर झूठे तथ्य पेश करने पर पीआईबी द्वारा गोखले का फैक्ट चेक भी किया गया है।
दरअसल साकेत गोखले जिसे तथ्य बता रहे हैं भ्रमित करने वाला दावा है क्योंकि यह राशि मात्र जी20 कार्यक्रम पर नहीं बल्कि अन्य स्थायी विकास कार्योंं के लिए भी खर्च की गई है। जिस बजट का गोखले ने उल्लेख किया है वह मुख्य रूप से आईटीपीओ द्वारा स्थायी संपत्ति निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए है जो केवल जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी तक सीमित नहीं है।
बता दें कि साकेत गोखले आदतन फेक न्यूज पैडलर हैं और इससे पहले भी वे जी20 के साथ ही मोदी सरकार को लेकर झूठी खबरें फैला चुके हैं। साकेत गोखले फेक न्यूज फैलाने एवं मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल भी जा चुके हैं।
इससे पहले गोखले द्वारा जी20 कार्यक्रम की बात करते हुए ही दावा किया था कि मोदी सरकार द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन के लिए 50 बुलेटप्रूफ ऑडी कारें खरीदी जा रही हैं, जिनकी लागत 400 करोड़ रुपये से अधिक आएगी।
हालांकि पीआईबी ने गोखले के दावे को झूठा बताते हुए जानकारी दी कि मोदी सरकार ने जी20 दौरे पर आए नेताओं की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए 18 करोड़ रुपये में 20 ऑडी बुलेट रेसिस्टेंट कारें पट्टे पर ली हैं।
पीआईबी के फैक्ट चेक के अनुसार कोई कार नहीं खरीदी गई है और बीआर कारों का प्रावधान सभी राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों की यात्राओं के लिए एक मानक प्रोटोकॉल के तहत ही किया गया है।
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने एक और वीडियो ट्वीट कर बारिश के बाद एक गलियारे में पानी जमा होने के बाद जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल भारत मंडपम में कथित तौर पर ‘खराब बुनियादी ढांचे’ का आरोप लगाया था। उनका यह दावा भी झूठ साबित हुआ। इस पर सरकार ने कहा कि रात भर की बारिश के कारण मामूली जलजमाव को पंपों से तुरंत साफ कर दिया गया था।
यह सूचना पीआईबी ने साकेत गोखले की पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ एक्स पर पोस्ट किया, “एक वीडियो में दावा किया गया है कि जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर जलजमाव है। ये दावा भ्रामक है। खुले क्षेत्र में मामूली जलजमाव को तेजी से साफ कर दिया गया, क्योंकि रात भर की बारिश के बाद पंपों को काम पर लगाया गया। फिलहाल आयोजन स्थल पर कोई जलजमाव नहीं है।”
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