रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो कृषि, कपड़ा और बुनियादी ढांचे जैसे विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करता है। पीएलआई योजना का उद्देश्य भारत में निर्मित उत्पादों की बढ़ती बिक्री के आधार पर उत्पादकों को प्रोत्साहन प्रदान करना है। यह योजना कंपनियों को नकद प्रोत्साहन प्रदान करके प्रमुख क्षेत्रों में निवेश और विनिर्माण को प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार रसायन और पेट्रोकेमिकल्स के लिए पीएलआई योजना लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक आत्मनिर्भर होने के साथ ही वर्ष 2070 तक जीरो कॉर्बन उत्सर्जन हासिल करने का है। इसके लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करके सभी उद्योगों और क्षेत्रों से योगदान की आवश्यकता होगी।
सरकार पीएलआई योजना के माध्यम से भारतीय उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है। इसके अंतर्गत वर्तमान में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी गैराज के लिए पीएलआई योजना की पुन: बोली शुरू की है।
एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल अगली पीढ़ी की वह बैटरी प्रौद्योगिकी है जो विद्युत ऊर्जा को संग्रहित कर सकती हैं और आवश्यकतानुसार इसे फिर से विद्युत चालित शक्ति में परिवर्तित कर सकती हैं। ये इलेक्ट्रिक मोटर, नवीकरणीय बिजली भंडारण और अन्य क्षेत्रों में ऊर्जा की समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सरकार ने 50 गीगावाट घंटे की एसीसी बैटरी मैनुफैक्चरिंग क्षमता हासिल करने के लिए 18,000 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करते हुए क्षमताओं को बढ़ाना है ताकि भारत में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग पर लागत विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक हो सके।
बैटरी भंडारण के लिए मौजूदा योजना के साथ-साथ रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स के लिए पीएलआई योजना की शुरूआत, प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के निर्माण और भारत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन की ओर ले जाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। इससे इन उद्योगों में निवेश, उत्पादन और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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