केंद्र सरकार ने विदेशों से मदद पाने वाले वाले गैर सरकारी संगठनों की आर्थिक गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की हैं। राज्यसभा में एक उत्तर में केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी है। देश के अंदर 1,800 से अधिक गैर सरकार संगठन (NGO) का विदेशी चंदे लेने का लाइसेंस सरकार ने पिछले तीन वर्षों में खत्म किया है।
29 मार्च, 2023 को राज्यसभा में दिए गए एक जवाब में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि वर्ष 2020 से 2023 के बीच 1,828 ऐसे NGO का लाइसेंस रद्द किया गया है जो नियमों का पालन किए बिना विदेशों से चंदा इकट्ठा कर रहे थे। गृह मंत्रालय ने यह लाइसेंस विदेशी अंशदान विनियम अधिनियम 2010 (FCRA) की धारा 14 के अंतर्गत यह रद्द किए हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए उत्तर के अनुसार, तमिलनाडु में सर्वाधिक 219 लाइसेंस रद्द किए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र में 207 लाइसेंस रद्द किए गए। झारखंड और ओडिशा में क्रमशः 43 और 111 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। गौरतलब है कि इन प्रदेशों में कई बार धर्मांतरण के मामले सामने आ चुके हैं।
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गृह मंत्रालय ने NGO द्वारा प्राप्त विदेशी फंड के राज्यवार आँकड़े भी सामने रखे हैं। वर्ष 2021-22 में दिल्ली में सबसे अधिक विदेशी चंदा आया है। दिल्ली में वर्ष 2021-22 के दौरान 5,809 करोड़ रुपए का विदेशी फंड आया है। इससे पहले के भी दो वर्षों में दिल्ली में लगभग 4,000 करोड़ रुपए के विदेशी फंड आ चुके हैं।
इसके अतिरिक्त, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी सैकड़ों करोड़ में विदेशी फंड आया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च नाम के एक NGO का भी विदेशी चंदे का लाइसेंस 6 माह के लिए निलम्बित कर दिया था।
देश के अंदर चल रहे इन गैर सरकारी संगठनों को को पिछले तीन वर्षों में 55 हजार करोड़ रुपए से अधिक का विदेशी फंड मिला है। केंद्र सरकार ने यह जानकारी संसद को दी है। वर्ष 2019-20 के दौरान देश में 16,306 करोड़ रुपए का फंड NGO को मिला था। इसी वर्ष देश की राजधानी दिल्ली में CAA के खिलाफ दंगे हुए थे।
वर्ष 2020-21 के दौरान NGO को मिलने वाला विदेशी फंड 17,058 करोड़ रुपए हो गया और वर्ष 2021-22 में यह 22,085 करोड़ रुपए रहा। केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया था कि देश में वर्तमान में 16 हजार से अधिक ऐसे NGO हैं जिनके पास विदेशी फंड लेने का लाइसेंस है।
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