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Home » आतंकवाद के कैंसर के खिलाफ सभी राष्ट्रों का एक होना जरुरी: इंटरपोल महासभा में अमित शाह
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आतंकवाद के कैंसर के खिलाफ सभी राष्ट्रों का एक होना जरुरी: इंटरपोल महासभा में अमित शाह

The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffOctober 22, 2022No Comments4 Mins Read
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देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित इंटरपोल की महासभा की 18-21 अक्टूबर तक चली तीन दिवसीय बैठक का शुक्रवार (21 अक्टूबर 2022) के दिन समापन हो गया। समापन पर देश के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महासभा को संबोधित किया। उन्होंने महासभा के सामने कई महत्वपूर्ण बातें रखी।

It was great hosting the INTERPOL General Assembly on the 75th year of India's Independence.

I thank delegates from member countries for the fruitful discussions.

India under PM @NarendraModi's leadership is committed to working with INTERPOL to counter all forms of terrorism. pic.twitter.com/gP5nMXjhnL

— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2022

इंटरपोल महासभा का आयोजन देश में 25 सालों के अंतराल के बाद हुआ है, इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में 18 अक्टूबर को किया था। इस बार की बैठक का मुख्य विषय भविष्य के अपराधों के नियंत्रण के लिए तैयार रहना तथा तकनीकी रूप से सक्षम पुलिसिंग था।

बैठक के समापन पर महासभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने भारत में न्यायशास्त्र की प्राचीन अवधारणा, भारत सरकार द्वारा पुलिस बल को मजबूत बनाने के लिए किए गए कार्य, आतंकवाद की एक परिभाषा तय करने और सीमाओं से परे अपराधियों पर लगाम लगाने जैसे विषयों पर विचार रखे।

भारत में दंड विधान और न्यायशास्त्र नई बात नहीं, पुराणों में इसका उल्लेख

केंद्रीय गृहमंत्री ने अपने सम्बोधन की शुरुआत इंटरपोल के कार्यों की सराहना करते हुए उसके योगदान के विषय पर चर्चा से की। इसके पश्चात शाह ने भारत में दंड विधान और न्यायशास्त्र के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय इतिहास में विदुर, चाणक्य, शुक्राचार्य एवं थिरुकुरल जैसे विद्वानों के दंड एवं न्याय के विषय में विचार को बताया।

Criminal Justice System भारत के लिए नया नहीं है, इस पर चिंतन और चिंता दोनों भारत में ही शुरू हुआ। और भारतीय ग्रंथों में न्याय शास्त्र व दंड नीति पर गहरा चिंतन उपलब्ध है। pic.twitter.com/QPRd6sDxaS

— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2022

उन्होंने महाभारत के शान्तिपर्व का उल्लेख किया और कहा कि न्याय ही है जो समाज में सुशासन सुनिश्चित करता है। गृहमंत्री ने मोदी सरकार द्वारा पुलिसबल को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमने पिछले कुछ समय में ई-कोर्ट, ई-प्रिजन और ई-फॉरेंसिक जैसे सिस्टमों को CCTNS से जोड़ने की बात कही।

Modi government is trying its best to make police forces capable of dealing with all kinds of challenges. pic.twitter.com/paMpmHHAqk

— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2022

गृहमंत्री ने देश में फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना के विषय में भी महासभा को अवगत कराया।

आतंकवाद अच्छा या बुरा और छोटा या बड़ा नहीं होता

गृहमंत्री ने महासभा में पाकिस्तान समेत सभी देशों को आतंकवाद के विषय पर स्पष्ट सन्देश दिया। गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है और सीमा-पार से आ रहे आतंकवाद से लड़ने के लिए हमें सीमारहित सहयोग के विषय में सोचना होगा।

To fight cross border terrorism, cross border cooperation is very important.

All countries must come together to have a common definition of terrorism & terrorists. The commitment to fight terrorism & differentiating good or bad terrorism cannot go together. pic.twitter.com/GyTo0sfNL1

— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2022

गृहमंत्री ने सभी राष्ट्रों के मध्य आतंकवाद की एक समान परिभाषा तय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘गुड टेरिरिज्म या बैड टेरिरिज्म’ तथा छोटा आतंकी हमला या बड़ा आतंकी हमला जैसे विचारों को त्यागना होगा।

उनका इशारा पाकिस्तान जैसे देशों के उस विचार की तरफ था जहाँ पाकिस्तान अपने क्षेत्रों में हो रही आतंकवादी घटनाओं को गलत और स्वयं के द्वारा कश्मीर में पोषित आंतकवाद को सही बताता है।

Cross-border propagation of Terrorist Ideologies through online Radicalisation cannot be considered as political problem. pic.twitter.com/wr1G5QqEC4

— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2022

गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन्टरनेट के माध्यम से कट्टरपंथी विचारों से आतंकवाद को पल्लवित करने पर भी चिंता जताई। उन्होंने आतंकवाद को एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में देखने के विचार से असहमति जताई और कहा कि यह उपयुक्त नहीं है।

अपराध की मनोवृत्ति नहीं बदलती, नार्को टेरर से लड़ने की चुनौती

गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रेखांकित किए गए ‘नशा मुक्त भारत’ के विषय में बोलते हुए विश्व में बढ़ते मादक पदार्थों के अपराध और इससे जुड़े आतंकवाद का उल्लेख किया। उन्होंने इस पर सभी राष्ट्रों के मध्य घनिष्ठ सहयोग की बात की।

उन्होंने कहा कि भारत की मादक पदार्थों के विरुद्ध काम करने वाली एजेंसियों ने काफी अच्छा काम किया है। गृहमंत्री ने सभी राष्ट्रों के मध्य रियल टाइम डाटा शेयरिंग और विस्तृत नार्को डाटाबेस बनाने की बात कही। गृहमंत्री ने कहा कि अपराध की मनोवृत्ति कभी नहीं बदलती है, समय के साथ उसका स्वरूप अवश्य बदलता रहता है।

Based on its experience and achievements over the last 100 years, INTERPOL should prepare a plan for the next 50 years. pic.twitter.com/K8K4Q3yYEI

— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2022

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “मेरा अनुरोध है कि इंटरपोल अपने 100 वर्षों के अनुभव का उपयोग करके आने वाले समय के लिए योजना तैयार करे। उन्होंने वर्ष 2048 और 2073 के लिए योजना बनाने की बात कही।”

गृहमंत्री ने अगले वर्ष ऑस्ट्रिया के विएना में होने वाली इंटरपोल की महासभा की बैठक के लिए ऑस्ट्रिया को शुभकामनाएं दी एवं भारत की अपराध के विरुद्ध लगातार लड़ने की प्रतिबद्धता की बात कही।

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