नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance) के गठन की घोषणा की है। भारत के नेतृत्व वाली इस पहल का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना तथा दुनिया भर में टिकाऊ जैव ईंधन के बढ़ते उत्पादन और खपत को सुविधाजनक बनाना है।
जैसे-जैसे देश जीवाश्म ईंधन तथा उत्सर्जन पर निर्भरता कम करना चाहते हैं, जैव ईंधन एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में प्रस्तुत होता है। गठबंधन के प्रमुख सदस्य प्रमुख इथेनॉल निर्माता हैं जो वैश्विक उत्पादन में 85% और खपत में 81% से अधिक का योगदान देते हैं।
हालाँकि, व्यापक रूप से बायो फ्यूल को अपनाने में वित्तपोषण, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, मानकों तथा व्यापार से जुड़े चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से निपटने के लिए तथा वैश्विक स्तर पर जैव ईंधन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीमा पार सहयोग हेतु एक अंतरराष्ट्रीय मंच की आवश्यकता रही है। इसमें चीन, रूस और सऊदी अरब ने अपने तेल हितों के कारण जैव ईंधन के साथ प्रतिस्पर्धा करने का विकल्प चुना।
जीबीए प्रमुख जैव ईंधन उत्पादक और उपभोग करने वाले देशों और संगठनों को एक साथ लाता है। भारत, ब्राजील और अमेरिका के नेतृत्व में, जो वैश्विक उत्पादन में 85% से अधिक का योगदान करते हैं, इसका उद्देश्य समन्वित प्रयासों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर जैव ईंधन के विकास और तैनाती का समर्थन करना है।
जैव ईंधन जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर संक्रमण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हालाँकि, जैव ईंधन को व्यापक रूप से अपनाने के लिए नीति समर्थन, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी विकास तथा बाजार से संबंधित समस्याओं का दीर्घकालिक हल निकालने की आवश्यकता है। विश्व स्तर पर इन प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच की आवश्यकता थी।
इस गठबंधन में बायडेन और लूला जैसे नेता उपस्थित थे। इसके साथ ही यह भारत की सक्रिय G20 अध्यक्षता का प्रदर्शन भी था। भारत को 20% इथेनॉल सम्मिश्रण उद्देश्य जैसी पहल के जरिए से अपनी जैव ईंधन आपूर्ति बढ़ाने की आशा है। इसमें 19 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन पहले ही गठबंधन में शामिल होने के लिए अपनी सहमत दे चुके हैं।
वैश्विक जैव ईंधन बाजार का मूल्य वर्तमान में 99 बिलियन डॉलर है और 2032 तक इसमें उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह बुनियादी ढांचे के विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, बाजार संपर्क, वित्तपोषण तथा मानक निर्धारण जैसे क्षेत्रों में सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा। इसका लक्ष्य सदस्य देशों के जलवायु तथा ऊर्जा सुरक्षा उद्देश्यों को हासिल करने में मदद करने के लिए जैव ईंधन की मांग को बढ़ाने में है।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का आरंभ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करता है जो वैश्विक स्तर पर स्थायी जैव ईंधन उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। सहयोगी प्रयासों के माध्यम से, गठबंधन सदस्य देशों को अपने शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने और स्वच्छ ईंधन में परिवर्तन करने में मदद करना चाहता है।
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