डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश को ‘गुलाम’, ‘मीर जाफर’ और ‘वोट कटुआ’ कहने पर कानूनी नोटिस भेजा है। आजाद के कानूनी सलाहकार नरेश कुमार गुप्ता के माध्यम से भेजे गए नोटिस में आजाद की ‘बेदाग प्रतिष्ठा’ को नुकसान पहुंचाने के लिए जयराम रमेश से 2 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया है।
नोटिस में कहा गया है, ‘‘श्रीमान जयराम रमेश (नोटिस प्राप्तकर्ता), आप राष्ट्रीय स्तर पर उनके (आजाद) बढ़ते सम्मान एवं प्रतिष्ठा को कलंकित करने और नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा अवसर की तलाश में रहते हैं। आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के तुरंत बाद दूसरों की राय में उन्हें नीचा दिखाने के लिए आपने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा पोस्ट में बार-बार ‘गुलाम’ शब्द का इस्तेमाल किया।”
नरेश गुप्ता ने कहा कि ‘भारत जोड़ा यात्रा’ के दौरान जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ टिप्पणी की थी जिसको लेकर उन्हें नोटिस भेजा गया है। नरेश गुप्ता ने कहा कि अभी नोटिस भेजा गया है और जल्द ही भद्रवाह कोर्ट में मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा था कि गुलाम नबी आजाद की ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ अब ‘डिसअपियरिंग आजाद पार्टी’ (Disappearing Azad Party) बन गई है। कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद की पार्टी डीएपी से कुछ समय पहले कई लोगों ने किनारा कर लिया था। जयराम रमेश ने यह बात इंडियन यूथ कांग्रेस के नेता जहांजेब सिरवाल के एक ट्वीट में लिखी थी।
सिरवाल ने ट्वीट करते हुए डीएपी के नेताओं, चौधरी निजामुद्दीन और चौधरी गुलजार अहमद का पार्टी से इस्तीफा पत्र दिखाया था। इस में उन्होंने लिखा था कि मेलबर्न के बाद ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ की पिच पर सबसे तेजी से सबसे ज्यादा विकेट गिरे हैं।
सिरवाल के इस ट्वीट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपनी प्रतिक्रिया देते लिखा था, ‘Disappearing Azad Party’। कुछ दिन पहले ही जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद की पार्टी के 17 लोगों ने पार्टी छोड़ दी थी। इनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री ताराचंद, पीरजादा मोहम्मद सईद भी शामिल थे। ये सभी नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद की डीएपी छोड़कर एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। बता दें कि कांग्रेस ने भी इनकी वापसी पर इन सबका यह कहते हुए स्वागत किया था कि ये सभी नेता पार्टी से ‘2 महीनों की छुट्टी’ पर थे।
नरेश गुप्ता ने नोटिस में कहा कि जयराम रमेश ने ‘गुलाम’ नाम का इस्तेमाल स्लेव यानी ‘गुलाम’ के रूप में किया है, जिसका इस्तेमाल जनता के बीच नेता को बदनाम करने के लिए जानबूझकर किया गया है। उन्होंने कहा कि जयराम रमेश ने अपने बयानों के माध्यम से आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध किया है और इस कारण उन्हें मुआवजे का भुगतान करना होगा।
नरेश गुप्ता ने जयराम रमेश को सलाह दी थी कि वह कानूनी नोटिस प्राप्त होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से या किसी भी प्रकार के संचार माध्यम से आजाद से बिना शर्त माफी माँगें।