पाकिस्तान में सेना के नए प्रमुख को लेकर बीते कई महीनों से चली आ रही अटकलों पर विराम लग गया है। पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख का आज ऐलान हो गया है। लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान की सेना का नया प्रमुख घोषित कर दिया गया है। इस बात का ऐलान पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम नवाज़ ने किया। सेना प्रमुख के नाम की सिफारिश पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेज दी गई है।
पाकिस्तान के वर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल 29 नवम्बर, 2022 को खत्म हो रहा है। बाजवा वर्ष 2016 में सेना प्रमुख बने थे। उन्हें सेना-प्रमुख के तौर पर में वर्ष 2019 में एक बार सेवा अवधि में बढ़ावा भी मिल चुका है।
नए सेना प्रमुख के साथ ही साथ पाकिस्तान के एक अन्य पद चेयरमैन ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के नए प्रमुख का ऐलान कर दिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद जनरल के ही समकक्ष होता है।
कौन हैं नई जिम्मेदारी पाने वाले दोनों सैन्य अफसर?
पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर, इस दौड़ में शामिल सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी थे। इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख के तौर भी काम किया है। इसके अतिरिक्त, वे 30 कोर्प्स के कमांडर भी रहे हैं। यह कोर्प्स पाकिस्तानी पंजाब के शहर गुजरावालाँ में स्थित है। उन्होंने डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंटेलिजेंस के तौर पर भी सेवा दी है।
आसिम मुनीर को सेना प्रमुख चुनने के पीछे उनके सबसे वरिष्ठ होने के साथ-साथ यह बात कही जा रही है कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी उन्हें ही सेना प्रमुख बनाना चाहते थे। इसके पीछे उनको इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते हुए डायरेक्टर जनरल ISI के पद से हटाने का मामला माना जा रहा है।
साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस पद पर रहते हुए आसिम मुनीर ने ही इमरान खान की पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को हवा दी थी। जनरल मुनीर वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बाजवा के भी करीबी माने जाते हैं। वह उनके सहयोगी के रूप में भी काम कर चुके हैं।
वहीं, दूसरी जिम्मेदारी पाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा आसिम मुनीर के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनका उत्तरी वजीरिस्तान में उग्रवादियों के खिलाफ काम करने का अनुभव है। वह डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस रह चुके हैं। उन्होंने पिंडी कॉर्प्स कमांडर के तौर पर भी काम किया है। इसके अतिरिक्त वह अफगान-अमेरिका वार्ता से भी जुड़े रहे हैं।
कैसे होता है पाकिस्तान में सेना प्रमुख का चयन?
पाकिस्तान में सेना प्रमुख का पद हमेशा से ही काफी अहम होता है और विवादों से भरा रहता है। पाकिस्तान में सेना प्रमुख को नियुक्त करने की वैध प्रक्रिया यह है कि सबसे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से कुछ नाम रक्षा मंत्रालय से माँगे जाते हैं। रक्षा मंत्रालय सबसे वरिष्ठ 5 या 6 नाम आगे भेजता है।
पाकिस्तानी सेना का प्रमुख बनने के लिए यह भी आवश्यक है कि उस अफसर ने कम से कम 1 साल तक किसी कोर का नेतृत्व किया हो। प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और वर्तमान सेना प्रमुख से सलाह मशविरा करके नए सेना प्रमुख के नाम की सिफारिश देश के राष्ट्रपति को भेजता है। राष्ट्रपति के मुहर लगने के बाद ही यह नियुक्ति होती है।
सामान्यत: यह माना जाता है कि नया प्रमुख सबसे वरिष्ठ अफसर को बनाया जाएगा। हालाँकि, ऐसा जरूरी नहीं है। वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बाजवा, जनरल याहया खान, जनरल जिया-उल-हक, जनरल परवेज और मुशर्रफ आदि सभी पूर्व सेना प्रमुख अपनी नियुक्ति समय सबसे वरिष्ठ नहीं थे।
अभी इमरान कर सकते हैं बड़ा खेल
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी सेना प्रमुख की नियुक्ति में अहम किरदार अदा करने वाले हैं। दरअसल, वर्तमान में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी उनकी ही पार्टी के हैं। सेना प्रमुख के नाम पर आखिरी मुहर राष्ट्रपति ही लगाता है।
ऐसे में इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इन्साफ के सदस्य आरिफ अल्वी जो देश के राष्ट्रपति हैं, इस मामले में इमरान खान के कहने पर कोई अडंगा डालेंगे या फिर इमरान के हाथ से गेंद अब फिसल चुकी है। क्योंकि, इमरान खान लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख बनाने के इच्छुक थे।
हालाँकि, इस बात की आशंका बेहद कम है कि आरिफ अल्वी इस तरह का कोई कदम उठाएँ। इमरान खान एक बयान में पहले ही कह चुके हैं कि आरिफ अल्वी उनसे मशविरा लेंगे। वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि इमरान खान यदि सेना को मजबूत करना चाहते हैं तो इस मामले पर कोई सवाल नहीं उठाएगें।
क्या होगा भारत-पाक रिश्तों पर असर
पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ने वाला है। हालाँकि, नए सेना प्रमुख का आतंकवाद, सीजफायर, कश्मीर जैसे मुद्दों पर क्या रुख रहता है, यह देखने वाला होगा। वर्तमान में भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक स्तर पर कोई विशेष बातचीत नहीं हो रही है।
सेना के स्तर पर देखा जाए तो दोनों देशों की सेनाएं आपस में सीजफायर को लेकर पहले भी बातचीत कर चुकी हैं, ऐसे में अब नए सैन्य प्रमुख का रवैया इन सभी मामलों पर क्या रहता है, इससे ही बताया जा सकेगा कि नए सैन्य प्रमुख का भारत-पाक रिश्तों पर असर कैसा है।