राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों से राजस्थान की राजनीति में उफान उठा हुआ है।
ऐसा लगता है कि राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले गहलोत का न तो मुख्यमंत्री पद छोड़ने का मन है न ही अध्यक्ष की कुर्सी से मन हट रहा है, इसलिए सचिन पायलट के लिए गहलोत पहले ही मजबूत फील्डिंग खड़ी कर चुके हैं। गहलोत और उनके गुट के विधायक पायलट को मुख्यमंत्री न बनाकर गहलोत के ही किसी चेले को मुख्यमंत्री बनाने पर अड़े हैं।
इसी बीच चल रहे दूसरे घटनाक्रम, जिसपर कम ही लोगों की नजर जा रही है, वह है राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) का चुनावी रण, जिसकी सरगर्मी तेज हो गई है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत इस बार भी फिर से दूसरी पारी खेलने के लिए तैयार हैं।
वैभव के पिता अशोक बाड़ेबंदी में माहिर रहे हैं, फिर गाँधी परिवार के नक्शे कदम पर चलने वाले सीनियर गहलोत अपने शहजादे को आगे न बढाएं और ये गुर वैभव को उन्होंने नहीं सिखाया हो, ऐसा नहीं कहा जा सकता।
पिता पुत्र दोनों अपनी-अपनी बाड़ेबंदी में जुटे
इसलिए RCA के सूत्रों के हवाले से खबर है कि 26 सितंबर को नामांकन पर्चा दाखिल किए जाने से पहले ही वैभव ने 20 से अधिक क्रिकेट संघ पदाधिकारियों की जयपुर के एक होटल में बाड़ेबंदी कर ली थी , जबकि चुनाव के लिए 30 सितंबर को मतदान होना है, मतलब पदाधिकारियों की हफ्ते भर की मुफ्त की मौजमस्ती का इंतजाम हो गया है।
इस बीच बाकी के सदस्यों को भी एक-एक कर जूनियर गहलोत की बाड़ाबंदी यानी खोमचे में लिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पहले सभी पदाधिकारियों की बाड़ाबंदी केरल में की जानी प्रस्तावित थी, पर एन मौके पर सीनियर गहलोत की राजनीति में रायता फैलने के कारण जूनियर गहलोत को जयपुर में ही बाड़ाबंदी करनी पड़ी। उधर सीनियर गहलोत की बाड़ेबंदी में कई बार छुट्टियां मना चुके विधायक सचिन पायलट से लेकर केन्द्रीय कांग्रेस नेतृत्व की नाक में दम किए हुए हैं।
सीपी जोशी ने एड़ी चोटी का जोर लगाके वैभव को बनाया था RCA अध्यक्ष
3 साल पहले हुए RCA के चुनावों में वैभव गहलोत की उम्मीदवारी को लेकर पेंच फँस गया था। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव अधिकारी टीएस कृष्णमूर्ति ने 12 सितंबर 2019 को RCA चुनाव का कार्यक्रम घोषित करते समय 24 अगस्त को जारी वोटर लिस्ट और उम्मीदवारों की सूची बिना किसी परिवर्तन के जारी कर 27 सितंबर को चुनाव की तारीख घोषित की थी।
जबकि 9 सितंबर को वैभव राजसमंद जिला क्रिकेट संघ में प्रदीप पालीवाल के निधन के कारण खाली हुए पद पर कोषाध्यक्ष बने थे। इसके बाद वह अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे जबकि चुनाव अधिसूचना बहुत पहले ही जारी हो चुकी थी।
इस कारण वैभव चुनाव की रेस से बाहर थे। हालाँकि, तभी संयुक्त सचिव महेंद्र नाहर ने नोटिस जारी कर RCA के चुनाव 4 अक्टूबर को कराने कहा है और नया नोटिस जारी कर घोषित उम्मीदवारों की सूची में वैभव का नाम शामिल कर दिया।
बताया जाता है कि वैभव को अध्यक्ष बनाने के लिए यह सारा तमाशा सीपी जोशी के इशारे पर हुआ था, और अंततः वैभव अध्यक्ष बने भी। इसके बाद वैभव ने RCA में सीपी जोशी को संरक्षक बनाया था।
सीपी जोशी का कर्जा उतारना गहलोत पिता-पुत्र की मजबूरी
2010 में भी सीपी जोशी ने ही वैभव को प्रदेश कांग्रेस कमिटी में अपने क्षेत्र खमनौर, राजसमन्द से सदस्य बनवाया था। इसलिए तब से ही जूनियर गहलोत जोशी को अपना कोच मानते हैं। ऐसा लगता है कि वैभव को आगे बढ़ाने की जिमेदारी अशोक गहलोत ने ही सीपी जोशी को सौंपी थी। सीपी जोशी ने वैभव को RCA का अध्यक्ष बनाने में अपनी पूरी राजनीतिक ताकत झोंक दी थी। हालाँकि अतीत में सीपी जोशी और गहलोत के बीच थोड़ी अनबन भी रह चुकी है।
इसलिए 2019 में गहलोत जूनियर के राजसमंद से चुनाव लड़ने की अफवाहें भी चली थीं, हालाँकि वैभव सीपी जोशी के हर पारिवारिक कार्यक्रम में जरुर शामिल रहते हैं। हालिया घटनाक्रम में सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री पद के लिए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम की सिफारिश की थी। केन्द्र सरकार में चार बार मंत्री रह चुके सीपी जोशी इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में महज एक वोट से विधायक का चुनाव हार गए थे और मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे।
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