अडानी समूह के सीईओ गौतम अडानी ने जनवरी माह में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर समूह की सालाना बैठक में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस रिपोर्ट को अडानी समूह के शेयरों के दाम गिराकर उनसे कमाई करने के लिए किया गया कुत्सित प्रयास बताया है। गौतम अडानी ने इस मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट का भी हवाला दिया है।
गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग ने जो आरोप लगाए वह 2004-15 से बीच के हैं, इनमें से अधिकांश मामलों का पटाक्षेप हो चुका है। हमने संस्थाओं के साथ मिलकर यह सारे विवाद निपटा लिए हैं। रिपोर्ट का एकमात्र मकसद अडानी समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाना था। अडानी ने रिपोर्ट के तुरंत बाद आए FPO का जिक्र करते हुए कहा कि हमने पूरी तरह सबस्क्राइब हुए FPO को निरस्त निवेशकों का पैसा लौटा दिया।
अडानी ने कहा कि हमने यह कदम निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए किया। गौरतलब है कि जनवरी 2023 में अमेरिकी शार्टसेलर हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें शेयरों के भाव बनावटी रूप से बढ़ाने, निवेश के स्रोत को लेकर संशय और समूह के कामकाज के तौर तरीकों पर प्रश्न उठाए गए थे।
इस मामले को लेकर अडानी समूह ने अपना जवाब भी दिया था। इसके पश्चात यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँचने पर उसने एक विशेषज्ञ कमिटी का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट बीते दिनों कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। कमिटी ने माना था कि अडानी समूह ने निवेशकों के हितों को बचाया और किसी गड़बड़ियां नहीं की।
अडानी समूह के मुखिया द्वारा यह बयान देने के बाद उनके शेयरों में भी तेजी देखी गई। अडानी हिंडनबर्ग विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार नियामक सेबी से भी जांच करने को कहा था जिसके लिए उसने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट से अधिक समय माँगा था। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनते हुए सेबी को स्वतंत्रता दिवस तक का समय जांच पूरी करने के लिए दिया था।
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