पाकिस्तान में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते सोमवार यानी 19 सितम्बर, 2022 को सिन्ध प्रान्त के दादू जिले और कंधकोट इलाके में मलेरिया के कारण एक ही दिन में 12 लोगों की मौत हुई है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल है।
दादू जिले में तीन वर्षीय मिश्री खोसो के अलावा कंधकोट इलाके में सलीम जाफरी गाँव में दो वर्षीय सरदारी जाफरी और तीन वर्षीय नियाज जमाल जाफरी, तीन वर्षीय अजीजुल्लाह बखरानी की मलेरिया और छोटी आंत में सूजन के कारण मौत हो गई।
पाकिस्तान में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शिकायत भी की है कि बच्चे छोटी आंत में सूजन और मलेरिया से पीड़ित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि चिकित्सा दल बीमारी से पीड़ित इन बच्चों के इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं।
सिन्ध प्रान्त के दादू जिला प्रशासन के आँकड़ो के अनुसार भारी बारिश, बाढ़ और बाढ़ से उत्पन्न बीमारियों के चलते जिले में अब तक कुल 80 लोगों की मौत हो चुकी है, इसमें भी तकरीबन आधी संख्या यानी बच्चों की है। कुल 39 बच्चे अभी तक मृत हुए हैं।
पाकिस्तान में बाढ़ के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ फैल रही है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक बाढ़ पीड़ित इलाकों और राहत शिविरों में रहने वाले विस्थापित परिवारों के बीच अधिकांश मौतों के पीछे अब तक मलेरिया और छोटी आंत में सूजन प्रमुख कारण रहा है।
पाकिस्तान में बाढ़ के दुष्परिणाम सामने आने रहे हैं। बाढ़ जनित बीमारी और कुपोषण के कारण सबसे कम उम्र के बच्चों की जान सबसे अधिक जोखिम में हैं। पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक लगभग 1,500 लोगों की मौत हुई है, इसमें भी लगभग 530 बच्चों की मौत हुई है।
पाकिस्तान बाढ़ के कारण विनाश के मुहाने पर खड़ा है। कर्जदारी में डूबा पाकिस्तान बाढ़ के बाद से आर्थिक कंगाली पर है। यहाँ लाखों छोटे बच्चों का भविष्य कई अनिश्चितताओं से भर गया है।