गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर लगाए गए पंडाल इस बार चंद्रयान-3 की सफलता की कहानी कह रहे हैं। गुवाहाटी, रायपुर और पश्चिम बंगाल सहित कई स्थानों पर गणपति की पूजा और चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने से संबंधित पंडाल बनाए गए हैं।
इन पंडालों को चंद्रयान-3 के स्वरूप में निर्मित किया गया है। जहां असम के गुवाहाटी में इसरो के चंद्रयान-3 की थीम पर आधारित पंडाल तैयार किया गया है। पंडाल के अंदर भगवान गणेश की स्थापना की गई है। उल्लेखनीय है कि देशभर में ऐसे कई पंडालों का निर्माण किया गया है। इनमें तीन दिन से लेकर 10 दिनों तक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
चंद्रयान-3 मिशन की थीम पर सजे पंडालों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के बरेली में श्रीशिव शक्ति दुर्गा जी धाम मंदिर में स्थानीय मूर्तिकार की बनाई प्रतिमा स्थापित की गई है। साथ ही इस पंडाल में बैकग्राउंड स्क्रीन पर चंद्रयान को चंद्रमा पर उतरते दिखाया गया है।
वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी चंद्रयान-3 की सफलता की कहानी कहने के लिए गणपति पंडाल लगाया गया है। रायपुर में 120 फीट की ऊंचाई वाले पंडाल को चंद्रयान-3 का स्वरूप प्रदान करने का प्रशंसनीय प्रयास किया गया है। पंडाल निर्माण में शामिल कारीगरों का कहना है कि इसे बनाने में 45 दिन का समय लगा है। साथ ही इसे बनाने में प्लाइवुड एवं बांस के खंभों को उपयोग में लिया गया है।
महाराष्ट्र में गणपति उत्सव की धूम देशभर के लिए आकर्षण का केंद्र होती है। इसमें भी लाल बाग के राजा को देखने के लिए लोग अत्याधिक उत्साहित रहते हैं। इस बार लालबाग में भी अलग ही नजारा देखने को मिलेगा क्योंकि लाल बाग के राजा की झांकी अंतरिक्ष की थीम पर दिखाई जा रही है। इसमें गणपति की मूर्ति के पीछे चंद्रयान- की सफलता दर्शायी जाएगी।
भव्य दुर्गा पंडालों के लिए प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल गणपति उत्सव में किस प्रकार पीछे रह सकता था। यहां कोलकाता शहर में ‘चंद्रयान-3’ थीम पर आधारित एक पंडाल बनाया गया है। पूजा पंडाल के ऊपर चंद्रयान रॉकेट का एक मॉडल रखा गया है। पंडाल में भगवान गणेश की मूर्ति के पीछे चंद्रमा की सतह दर्शायी गई है, जहां से कुछ दूरी पर पृथ्वी दिखाई दे रही है।
चंद्रयान के साथ ही देश भर में रुद्राक्ष, सोने-चांदी या सामाजिक संदेश देते पंडाल लगाए गए हैं। जाहिर है कि देश में अगले 10 दिनों तक गणपति उत्सव की धूम रहेगी।
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