भारत इस वर्ष G-२० शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहा है। इसी कड़ी में देश की राजधानी दिल्ली में इस समारोह की तैयारियां भी अब पूरी हो चुकी हैं। भारत पहली बार G-२० के 18 वें शिखर सम्मेलन में मेजबानी करने जा रहा है तो दुनिया भर से आने वाले राजनेताओं के स्वागत को देखते हुए दिल्ली में कड़ी सुरक्षा व्यस्था के इंतजाम किए गए हैं। ‘अतिथि देवों भवः’ की परंपरा वाला भारत अपने मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। तो आइए एक नज़र डालते हैं कि दिल्ली इस बार कड़ी सुरक्षा व्यस्था के बीच किस अंदाज़ में अपने अतिथियों का स्वागत करने जा रही हैं।
राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान के अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आगामी 9 और 10 सितंबर को G-20 आयोजन होने जा रहा है। जिसमें दुनियाभर से राजनेता शिरकत कर रहे हैं। इसी के चलते दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां कड़ी निगरानी रख रही हैं।
G-20 शिखर सम्मेलन में इस बार करीब 1,30,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। जिसमें से 1,500 पुलिसकर्मी आयोजन स्थल के बाहर तैनात रहेंगे और लगभग 40,000 दिल्ली पुलिस और केंद्रीय बल के जवान इसमें शामिल होंगे। ये सुरक्षाकर्मी सामान्य खाकी के बजाय फॉर्मल कपड़ों में नज़र आएंगे।
इसमें CRPF के कमांडो भी शामिल हैं यह कमांडो इस सम्मेलन में क्लोज्ड प्रोटेक्शन टीम के तौर पर तैनात दिखाई देंगे। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने दंगों को नियंत्रित करने वाली गाड़ी ‘विक्रांत’ को भी तैनात किया है। यदि कहीं पर दंगे भड़कते हैं तो इसमें 200 से 300 पुलिसकर्मियों के लिए आवश्यक इक्विपमेन्ट्स की व्यवस्था है। इसमें शील्ड कवर्स और दो cctv कैमरा के साथ आंसू गैस के गोले, बुलेटप्रूफ जैकेट जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं। विक्रांत दिल्ली के हर क्षेत्र में तैनात रहेगा।
आतंकवादी गतिविधियों पर भी नज़र रखने के लिए दिल्ली पुलिस की ‘पराक्रम’ वैन सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा होंगी और जी20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था के एक हिस्से के रूप में मध्य दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात की जाएगी।
यह सुरक्षा व्यवस्था केवल ज़मीनी स्तर पर ही नहीं बल्कि आसमान की उचाईयों में भी की जा रही हैं। इंडियन एयरफोर्स आसमान को सुरक्षित बनाने के लिए लड़ाकू जेट, और एंटी-ड्रोन सिस्टम जैसे उपकरणों को तैनात कर रहा है और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक स्पेशल ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर की स्थापना की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था में इंडियन आर्मी, एयरफोर्स, दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के साथ 400 फायरफाइटर्स भी तैनात किए जाएंगे। और तैयारियों के बीच दिल्ली पुलिस द्वारा लगातार व्यापक ड्रेस रिहर्सल भी की जा रही है।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा की कड़ी तैयारियां चल रही हैं जिसके तहत दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारीयों की एक टीम तैयार की गई है जो एयरपोर्ट पर अतिथियों के आगमन और प्रस्थान के दौरान सुरक्षा की निगरानी रखेगी जिसको लेकर DIAL पहले से ही विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और दिल्ली के विभिन्न सरकारी विभागों के साथ काम कर रहीं हैं।
भारत आने वाले दुनियाभर के नेताओं के परिवहन के लिए लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से 20 बुलेटप्रूफ लिमोजिन कारें ली गई हैं। प्रगति मैदान में सुरक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं और आईटीसी मौर्य जैसे प्रमुख होटलों में विशेष व्यवस्था की जा रही है। आपको बता दें इसी होटल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की रहने की व्यवस्था की गई है इसी के चलते होटल को सुरक्षा कवच में तब्दील कर दिया गया हैं।

हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस टर्मिनलों से आने-जाने वाले यात्रियों की सहायता के लिए, मार्ग सुझाव प्रदान करने के लिए एक डेडिकेटेड G20 वर्चुअल हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। तो हम यह कह सकते हैं कि भारत जी २० सम्मेलन के लिए अपनी वर्ल्ड क्लास सिक्योरिटी के साथ पूरी तरह से तैयार हैं।
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