भविष्य भारत का है
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गिनती दुनिया के ताकतवर नेताओं में होती है। समय-समय पर पीएम मोदी के पक्ष में विश्व के बड़े नेताओं के बयान इसकी पुष्टि करते रहते हैं। इसी कड़ी में फिर से नाम जुड़ा है रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन का।
मॉस्को में आयोजित वार्षिक वल्दाई चर्चा के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की जमकर तारीफ़ की। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ़ करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व भारत की विदेश नीति को लेकर काफी कार्य हुए हैं।
ब्रिटिश उपनिवेश से आधुनिक राज्य तक का सफर प्रशंसनीय
रूसी राष्ट्रपति ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था और वहाँ से निकल कर एक आधुनिक राज्य बनने तक के सफर में ज़बरदस्त प्रगति की है। उन्होंने कहा कि तकरीबन 150 करोड़ की आबादी वाले भारत का यह विकास, इसको सभी के सम्मान और प्रशंसा का हक़दार बनाता है।
भारत- रूस सम्बन्ध
पुतिन ने भारत और रूस के दशकों पुराने संबंधों पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमारे बीच विविध क्षेत्रों में, रक्षा क्षेत्र से लेकर आर्थिक क्षेत्र तक, दशकों पुराने घनिष्ठ सम्बन्ध रहे हैं और यह संबध निर्विवाद रहे हैं। इसी का परिणाम है कि दोनों देश समय-समय पर एक दूसरे का सहयोग भी करते रहे हैं।
पश्चिमी देश खेलते हैं ‘डर्टी गेम’
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए दूसरे देशों को राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक अधिकारों की स्वतंत्रता से वंचित रखने का ‘डर्टी गेम’ खेलते हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देश अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों से खुद भी सुरक्षित नहीं रह पाएँगे। देर सवेर मल्टीपोलर वर्ल्ड में सत्ता के नए केंद्र उभरेंगे और पश्चिमी देशों को उन्हें बराबरी का अधिकार देना ही होगा।
परमाणु हमले की आशंका पर लगाया विराम
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस की सीमा की रक्षा के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों के इस्तेमाल की चेतावनी सिर्फ पश्चिमी देशों द्वारा की जा रही बयानबाज़ी के जवाब में थी न कि परमाणु हथियार के इस्तेमाल को लेकर।
भारत का निष्पक्ष रुख
हाल में चल रहे रूस और यूक्रेन संघर्ष में जब पूरी दुनिया दो गुटों में बंटती नज़र आ रही है, ऐसे समय में भी भारत ने हर तरह के दवाब को किनारे करते हुए अपना निष्पक्ष रुख कायम रखा है, जो भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को दर्शाने का कार्य करता है। रूस के राष्ट्रपति ने भारत के इस रुख की सराहना करते हुए कहा है कि आने वाला समय भारत का है।
बहुध्रुवीय (मल्टीपोलर वर्ल्ड) का समर्थक है भारत
भारत समय-समय पर अलग-अलग मंचों पर एक ‘मल्टीपोलर वर्ल्ड व्यवस्था’ का पुरज़ोर समर्थन करता रहा है। भारत की इस नीति का समर्थन UAE भी करता है। हाल ही में UAE के अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के मंत्री ओमर सुलतान अल ओलामा ने भी भारत की विदेश नीति की तारीफ़ करते हुए कहा कि इतिहास में देखा जाए तो दुनिया हमेशा एकध्रुवीय, द्विध्रुवीय या त्रिध्रुवीय व्यवस्था में बंटी हुई थी। भारत हमेशा बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था (मल्टीपोलर वर्ल्ड) का समर्थक रहा और आज भी अपनी विदेश नीति में निष्पक्ष और मल्टीपोलर वर्ल्ड की नीति को अपना रहा है।