दिल्ली दंगों की साजिश रचने की आरोपित, फुल टाइम एक्टिविस्ट और ‘पार्ट टाइम स्कॉलर’ सफूरा जरगर (Safoora Zargar) का एमफिल/पीएचडी एडमिशन जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने रद्द कर दिया है। अनियमितता के चलते सफूरा जरगर का दाखिला रद्द हुआ है।
सफूरा जरगर ने 29 अगस्त, 2022 को अपने ट्वीटर पर दाखिला रद्द होने की जानकारी देते हुए कहा भी था, “जामिया के इतने धीमे प्रशासन ने बिजली सी तेजी दिखाते हुए मेरा एडमिशन रद्द कर दिया है। मेरा दिल जरूर टूटा है, मगर जज्बा नहीं।”
आइए जानते हैं, सफूरा जरगर कौन हैं?
सफूरा जरगर जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ की रहने वाली हैं। सफूरा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संकाय में एमफिल/पीएचडी स्कॉलर रही हैं। सीएए और एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान सफूरा जरगर काफी चर्चा में आई थी। इसके बाद दिल्ली दंगों की साजिश रचने के कारण सफूरा जरगर को आरोपित बनाया गया। सफूरा कुछ समय तक जेल में भी रहीं। इन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA ) भी लगाया गया था। सफूरा जरगर अभी भी जमानत पर जेल से बाहर हैं। सफूरा गर्भवती थीं, इसलिए मानवीय आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी है।
जामिया के छात्रों का विरोध प्रदर्शन
सफूरा जरगर का दाखिला रद्द होने के बाद उनके समर्थन में बुधवार, 7 सितम्बर, 2022 को जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन हुआ और खूब नारेबाजी हुई। विश्विविद्यालय प्रशासन का विरोध करते-करते जामिया के छात्रों ने ‘आरएसएस (RSS) की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर’ और ‘एबीवीपी (ABVP) की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर’ जैसे भड़काऊ नारे भी लगाने शुरु कर दिए।
विश्वविद्यालय का पक्ष
जामिया विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय ने 26 अगस्त, 2022 को एक नोटिस जारी किया। इस नोटिस में एमफिल/पीएचडी (MPhil/PhD) स्कॉलर सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द करने के कारणों के बारे में बताया गया है।
- नोटिस में बताया गया है, कि सफूरा जरगर की प्रोग्रेस रिपोर्ट उनके सुपरवाइजर ने असंतोषजनक बताई है।
- सफूरा जरगर ने अधिकतम समय सीमा बीत जाने पर अतिरिक्त समय की मांग के लिए आवेदन नहीं किया था।
- सफूरा जरगर ने निर्धारित 5 सेमेस्टर और कोरोना के चलते मिले अतिरिक्त छठे सेमेस्टर तक अपनी डिजर्टेशन जमा नहीं करवाई।
- विश्वविद्यालय का कहना है कि डिजर्टेशन जमा करने की अवधि 6 फरवरी 2022 को बीत चुकी है।