फ्रांस की मीडिया ने दोहरा रवैया दिखाते हुए भारत पर फिर एक बार निशाना साधा है। फ्रांस के सरकारी समाचार चैनल फ्रांस24 (France24) ने भारत में ईद के संदर्भ में एक वीडियो रिपोर्ट बनाकर यह प्रोपगैंडा फैलाने का प्रयास किया है कि यदि आप भारत में मुस्लिम हैं तो आपको ‘धार्मिक राष्ट्रवाद’ और ‘हिन्दू अतिवाद’ से खतरा है।
विडंबना यह है कि फ्रांस24 ने यह खबर प्रसारित करने का निर्णय ऐसे समय में किया है जब उनका स्वयं का राष्ट्र मजहबी हिंसा के कारण पिछले एक सप्ताह से जल रहा है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह फ्रांस के शहर नान्तरे में एक अफ्रीकी मूल के युवक का एनकाउंटर पुलिस द्वारा किए जाने के बाद से पूरे फ़्रांस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का आयोजन हो रहा है। यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो चुके हैं और फ़्रांस में अब तक अरबों की सम्पत्ति जलाई जा चुकी है।
फ़्रांस24 ने इन सबके बीच अपने देश पर ध्यान देने के बजाय निर्णय लिया है कि वह भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर रिपोर्ट करेगा। नबील अहमद और खानसा जुनैद द्वारा तैयार की गई इस वीडियो रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में एक जगह से दूसरी जगह पशुओं को बेचने जाने वाले लोगों को गौरक्षक परेशान करते हैं और इन गौरक्षकों का सम्बन्ध हिन्दू राष्ट्रवाद से है।
फ्रान्स24 ने इस रिपोर्ट में दिल्ली की एक बकरा बाजार की रिपोर्ट दिखाई है और बताने का प्रयास किया है कि बकरी बेचने वालों की चिंताएं अब बढ़ गई हैं। हालांकि, बीते दिनों कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है जब किसी गौरक्षक दल ने बकरी लाने ले जाने वाले गड़रियों या व्यापारियों को रोका हो। कई बार ऐसे मामले जरूर देखने में आए हैं कि गौरक्षक अवैध रूप से ले जाए रहे गौवंश वाली गाड़ियों को रोकते हैं।
हालाँकि, फ्रांस24 द्वारा चलाई गई खबर कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी पश्चिमी जगत लगातार भारत पर उलटी-सीधी रिपोर्टिंग करता आया है। फ्रांस24 ने यह भी दावा किया है कि गुरुग्राम में जिस मैदान में नमाज पढ़ी जाती थी उसे बंद करा दिया गया है जबकि सच्चाई यह है कि इस इलाके में बढ़ती समस्याओं को देख कर मुस्लिम आसपास की मस्जिदों में नमाज पढ़ने जाने लगे थे। स्थानीय लोगों का यह भी कहना था कि खुले में नमाज़ के चलते उनका बाहर निकालना मुश्किल हो गया है क्योंकि उन्हें सड़क पर जाम से लेकर पार्क में क़ब्ज़ कर लेने जैसी परिस्थति का सामना करना पड़ता है।
फ़्रांस24 ने अपने देश की समस्याओं को नकारते हुए भारत पर फोकस किया है जहाँ फ्रांस की कुल जनसंख्या से दोगुने मुस्लिम शांतिपूर्वक रहते हैं। दूसरी तरफ फ्रांस अपने यहाँ आंतरिक स्तर पर छोटी सी जनसंख्या में कानून व्यवस्था नहीं बना पा रहा है और पूरे देश पिछले एक सप्ताह से दंगाइयों का बंधक बना हुआ है।
फ्रांस२4 के लिए रिपोर्ट तैयार करने खानसा जुनैद इससे पहले भी भारत की नकारात्मक छवि पेश करने वाली रिपोर्ट बनाती रही हैं। खानसा जुनैद ने इससे पहले भारत के पड़ोसी राष्ट्रों में उत्पीड़न का शिकार हुए गैर-मुस्लिमों को नागरिकता दिलाने के लिए लाए गए कानून सीएए पर भी रिपोर्ट कर चुकी हैं। इसके अलावा वह वामपंथी गैंग के गोदी मीडिया के नैरेटिव को भी बढ़ाती आई हैं।
भारत में काल्पनिक डर दिखाने वाले फ्रांस24 और अन्य पश्चिमी मीडिया चैनलों ने फ्रांस में हुई भयानक हिंसा की दिखाने से परहेज किया है। इस बीच वह सरकार का समर्थन करते भी नजर आए हैं। जबकि यही मीडिया संस्थान भारत में हुए किसी भी तरह के प्रदर्शन को सरकार के विरुद्ध लड़ाई की तरह प्रदर्शित करते हैं।
गौरतलब है कि अगले सप्ताह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बुलावे पर फ्रांस जा रहे हैं जहाँ वह फ्रान्स के राष्ट्रीय दिवस पर वह बास्टील परेड आयोजन में शामिल होंगे। ऐसे में फ्रांस के सरकारी मीडिया चैनल का भारत की छवि को नकारात्मक ढंग से पेश करना दोनों देशों के रिश्तों पर क्या असर डालता है यह आगे देखने वाली बात होगी।
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