भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (25 सितंबर, 2022) को अमेरिका में बसे भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए अमेरिकी मीडिया पर जमकर निशाना साधा और कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट सहित ज्यादातर अमेरिकी मीडिया द्वारा की जाने वाली भारत की कवरेज द्वेषपूर्ण है।
भारत में हो रही घटनाओं को हिंदू-फोबिक (हिंदुओं से घृणा) नजरिए से पेश करने पर एस जयशंकर ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि जैसे-जैसे देश विकास की राह पर आगे बढ़ता है, तब ऐसे लोग जो स्वयं को भारत के भविष्य निर्माता के रूप में देख रहे थे, ऐसे नरैटिव के साथ सामने आते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में भारत-विरोधी नरैटिव अब नहीं चलेगा। यह लोग बाहर से ही भारत की तस्वीर ‘बदलने’ का प्रयास करें। एस जयशंकर UNGA के सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका गए हुए हैं। जहाँ उन्होंने भारतीय-अमेरिकी लोगों से भी मुलाकात की और भारत की छवि को धूमिल कर रहे लोगों पर जमकर कटाक्ष किया।
इस दौरान जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर बात करते हुए एस जयशंकर ने कहा, “भारतीय सेना, पुलिसकर्मी और सरकार के लिए काम करने वाले लोग आतंकवादी घटनाओं में अपनी जान दे रहे हैं। आप ने कितनी बार इनकी बात होते या ऐसे विषय को इंटरनेट पर स्थित बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा संज्ञान लेते हुए देखा है। यही तरीके होते हैं धारणा बनाने के लिए और किसी के प्रति नरैटिव तैयार करने के लिए।”
उल्लेखनीय है कि जिस नरैटिव और एंटी-इंडिया के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने प्रकाश डाला है, वह विदेशी मीडिया संस्थानों के लिए नया नहीं है। हालाँकि, वो तो कई मुद्दों पर इसके केंद्र में नजर आते हैं। जिस वॉशिंगटन पोस्ट का जिक्र विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया था वह अमेरिका का मुख्य दैनिक अखबार है और ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस इसके मालिक हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट ने ही जून, 2022 में डेविड वीजेल (David Weigel) नाम के एक रिपोर्टर को उसके महिला विरोधी री-ट्वीट के लिए निलंबित किया था। हालाँकि, इसी रिपोर्टर द्वारा भारतीयों के प्रति नस्लवादी टिप्पणी करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
पश्चिमी पत्रकार वर्ग भारत में जारी घटनाओं को अपने बनाए गए हिंदू-विरोधी नरैटिव के साथ पेश करते नजर आते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कल 25 सितंबर, 2022 को न्यूयॉर्क टाइम्स ने पेश किया है। जिसमें हिंदू-घृणा से भरा शीर्षक कुछ इस प्रकार था, “An Anti-Muslim symbol from India is paraded on main street, New Jersey।“
जिसका हिंदी में आशय है, “भारतीयों का न्यूजर्सी की सड़कों पर मुस्लिम विरोधी मार्च”
लेखिका इसमें ‘बुलडोजर’ को भारत में ‘दमन’ का प्रतीक बता न्यू जर्सी में हुई एक परेड का जिक्र कर रही हैं। उन्होंने लिखा, “परेड में शामिल हुए लोगों के लिए यह मात्र निर्माण उपकरण था लेकिन, इसका मतलब समझने वालों के लिए यह धमकी से भरा और आतंकित करने का प्रतीक है ”
भारत में बुलडोजर को दमन का प्रतीक बताने वाला न्यूयॉर्क टाइम्स वो ही दैनिक अखबार है जिसने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को असहिष्णु बताया था। नेहरू से लेकर मोदी तक अमेरिकी मीडिया को भारत का प्रगतिशील रवैया कभी हजम हुआ ही नहीं है।
भारत के विकासशील रवैए से विदेशी मीडिया इतना घबराया हुआ नजर आता है कि दूर गाँवों में होने वाली घटनाएँ उनके लेखों का विषय बन जाती है। लखीमपुर खीरी का मामला हो या किसान आंदोलन, यह लोग भारत से जुड़े विषयों को फासीवाद की तरफ मोड़ कर ऐसा नरैटिव पेश करते हैं, जिसकी बात विदेश मंत्री अपने संबोधन में कर रहे थे।
भारत के विदेश मंत्री ने अपने संबोधन से विदेशी मीडिया और इंटरनेट पर अपने ज्ञान का प्रसार कर रहे बुद्धिजीवियों को सीधा संदेश दिया है कि भारत में अब उनकी जीत संभव नहीं है। उनकी बनाई तस्वीर भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती।