सम्पूर्ण विश्व 21 दिसंबर 2024 के दिन पहला विश्व ध्यान दिवस के रूप में मना रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने 29 नवंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में नामित किया था। इसको लेकर न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थायी भारतीय मिशन ने प्रथम विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में ‘वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान’ कार्यक्रम का आयोजन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार २१ दिसम्बर को ‘विश्व ध्यान दिवस’ (World Meditation Day) के अवसर पर लोगों से ध्यान (मेडिटेशन) को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ध्यान शांति और सद्भाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम है।
प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “आज विश्व ध्यान दिवस पर, मैं सभी से अपील करता हूं कि वे ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और इसके परिवर्तनकारी प्रभावों का अनुभव करें। ध्यान हमारे जीवन, समाज और इस ग्रह पर शांति और सद्भाव लाने का एक प्रभावशाली तरीका है।”
उन्होंने तकनीक के युग में ध्यान को दिनचर्या में शामिल करने के लिए ऐप्स और गाइडेड वीडियो को उपयोगी साधन बताया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ध्यान और इसके लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया था। इसकी वेबसाइट के अनुसार, महासभा ने सभी के लिए उच्चतम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अधिकार को याद करते हुए इस दिन की घोषणा की थी। 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित करने की पहल संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को भारत द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा की ध्यान व्यक्ति के स्वास्थ्य और कल्याण में सकारात्मक भूमिका निभाता है।
चाहे योग हो या फिर ध्यान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों ही विषयों पर विश्वभर के लोगों का ध्यान आकर्षित करने का काम बखूबी किया है। इसमें सबसे दिलचस्प बात है कि योग एवं ध्यान भारत की ऐसी सॉफ्ट पावर हैं, जिन्हें दुनिया में पहचान मिलने के बाद हर क्षेत्र से जुड़े लोगों ने इसको अपनाया है। ध्यान दिवस की ही तरह प्रत्येक वर्ष विश्व योग दिवस को 21 जून के दिन मनाया जाता है।