नाइजीरिया और ब्राजील के बाद प्रधानमंत्री Narendra Modi Guyana पहुँचे तो पूरा कैरेबियाई समूह उनके स्वागत में उतर आया। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने एयरपोर्ट पहुँचकर पीएम मोदी का स्वागत किया। डॉ. अली अकेले नहीं थे उनके साथ उनकी कैबिनेट के दर्जनभर मंत्री भी थे।
स्वागत के बाद भारतीय मूल के लोगों ने अपने चहेते और विश्व के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक पीएम मोदी का स्वागत मोदी-मोदी के नारों से किया।
गुयाना में अद्भुत स्वागत के बाद बैठकों, सम्मेलनों का दौर शुरू हुआ। पीएम मोदी ने गुयाना के राष्ट्रपति के साथ मीडिया को संबोधित किया।इसके बाद द्वितीय भारत-कैरिकॉम सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में आर्थिक सहयोग, कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, फार्मास्युटिकल्स और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत और कैरिकॉम के संबंधों को मजबूत करने के लिए 7 स्तंभों का प्रस्ताव रखा।
ये सात स्तंभ C-A-R-I-C-O-M पर आधारित हैं…ये सात स्तंभ C- Capacity अर्थात् क्षमता निर्माण, A- Agriculture अर्थात् कृषि और खाद्य सुरक्षा, R- रिन्यूएबल एनर्जी एंड क्लाइट चेंज, I- इनोवेशन, टेक्नोलॉजी एवं व्यापार, C- क्रिकेट और संस्कृति, O- ओशन इकोनॉमी और M- मेडिसिन एंड हेल्थकेयर हैं।
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इसके बाद पीएम मोदी ने अपने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. अली के साथ पौधारोपण किया। इसी क्रम में गुयाना के जॉर्ज टाउन में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया। औपचारिक स्वागत के बाद भारत और गुयाना के बीच सहयोग और संबंधों को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में भारत और गुयाना के बीच दस महत्वपूर्ण MoU हुए।
पहला समझौता हाईड्रो कार्बन सेक्टर को लेकर हुआ। इस समझौते के तहत दोनों देश क्रूड ऑयल तलाशने में, प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में सहयोग करने में, तेल और गैस के लिए ज़रूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में और हाइड्रोकार्बन वैल्यू चेन में क्षमता विकसित करते के क्षेत्र में सहयोग के लिए आगे बढ़ेंगे।
याद रखिए, भारत की ऊर्जा ज़रूरतों के लिए Guyana बहुत महत्वपूर्ण है। तेल उत्पादन के क्षेत्र में गुयाना लगातार वृद्धि कर रहा है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि 2026 तक गुयाना वेनुजुएला को तेल उत्पादन में पीछे छोड़ सकता है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयात करने वाला और खपत करने वाला देश है। ऐसे में गुयाना के साथ ये समझौता बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान भी इस बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि गुयाना भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी के लिए रुपरेखा तैयार की जाएगी।
हाईड्रोकार्बन क्षेत्र में समझौते के साथ-साथ कृषि, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी समझौते हुए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के समझौते के अंतर्गत गुयाना में भारत प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र बनाने पर काम करेगा। इसके साथ ही गुयाना में UPI जैसा सिस्टम बनाने को लेकर भी समझौता किया गया है। इस तरह देखें तो दोनों देशों के बीच हुए समझौते बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इसके बाद पीएम मोदी को वहाँ डोमिनिका के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के बाद पीएम मोदी ने कैरेबियाई देशों के राष्ट्रध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
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डोमिनिका के प्रधानमंत्री Roosevelt Skerrit के साथ मुलाकात में पीएम मोदी ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान के लिए धन्यवाद दिया। इसी क्रम में सूरीनाम के राष्ट्रपति Chan Santokhi के साथ, Trinidad & Tobago के प्रधानमंत्री Dr. Keith Rowley के साथ, बारबाडोस की प्रधानमंत्री Mia Amor Mottley के साथ और दूसरे कैरेबियाई देशों के राष्ट्रध्यक्षों के साथ पीएम मोदी ने बैठक की…
इसके बाद Guyana के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने पीएम मोदी को गुयाना के सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ़ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया।
कैरेबियाई देशों से पीएम मोदी को मिले सम्मान और गुयाना के साथ हुए समझौतों के आधार पर एक बात कही जा सकती है कि 56 वर्ष बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का वहाँ पहुँचना ही नहीं बल्कि पीएम मोदी को जो सम्मान दिया गया, भारत को जो सम्मान दिया गया, जो महत्वपूर्ण समझौते हुए- वो भी ऐतिहासिक हैं।
विशेष तौर पर Guyana के साथ हुए समझौतों को देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा से जोड़कर देखा जाना चाहिए। डॉक्टर मोहम्मद इरफ़ान अली के साथ प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत संबंध पिछले कई वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय रहा है। COVID के दौरान जिस तरह से कैरेबियाई देशों को भारत ने वैक्सीन देकर मदद की थी, उसकी चर्चा कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में अलग अलग राष्ट्राध्यक्षों ने की है।