“मिस्टर स्पीकर, आज मैं सदन में शार्प शूटिंग करूंगा। यह कुछ लोगों को चुभ सकता है क्योंकि जब मैं प्रहार करता हूं तो वो बहुत मारक होता है और उम्मीद से कहीं ज्यादा।” 16 दिसम्बर, 1957 में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भारत की लोकसभा में कहे गए ये शब्द फिरोज जहाँगीर गाँधी के हैं।
आज फिरोज जहाँगीर गाँधी की जयन्ती है। आज ही के दिन यानी 12 सितम्बर 1912 को फिरोज जहाँगीर बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में पिता जहाँगीर और माता रतिमाई के घर जन्में थे।
पारसी मूल के फिरोज जहाँगीर गाँधी आजाद भारत में रायबरेली लोकसभा सीट से कॉन्ग्रेस के पहले सांसद थे। ये वही सीट है, जहाँ से फिरोज जहाँगीर की पत्नी इन्दिरा गाँधी सांसद रही हैं और अब बहू सोनिया गाँधी लगातार चौथी बार सांसद हैं।
भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता और पत्रकार फिरोज खान गाँधी को राम मनोहर लोहिया के समकक्ष माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की सरेआम आलोचना या तो राम मनोहर लोहिया करते थे या फिर नेहरू के दामाद फिरोज जहाँगीर गाँधी।
मुंधड़ा-एलआईसी घोटाले को उजागर करते हुए तो फिरोज जहाँगीर गाँधी ने लोकसभा में भाषण देते हुए नेहरू सरकार की बखिया उधेड़ दी थी। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू के बेहद करीबी केन्द्रीय मंत्री टी टी कृष्णामाचारी को इस्तीफा तक देना पड़ा।
जवाहर लाल नेहरू और फिरोज जहाँगीर गाँधी के सम्बन्धों के बीच बहुत बड़ी खाई थी। यह किसी से छुपा नहीं था। यह खाई आज इतनी बड़ी बनकर उभरी है कि सोनिया गाँधी ने अपने ससुर और राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ने अपने दादा फिरोज जहाँगीर गाँधी की जयन्ती पर श्रद्धांजलि भी नहीं दी है।