NDA के विरुद्ध विपक्षी राजनीतिक दलों की एकता में हर दिन ही सेंध लगती नजर आ रही है। अब केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने शुक्रवार (18 अगस्त, 2023) को राहुल गांधी और कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सांसदों पर ‘गन्दी राजनीति’ करने और वित्तीय मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ सहयोग नहीं करने के लिए आलोचना की।
बालगोपाल ने केरल राज्य की कर हिस्सेदारी और उधार सीमा को कम करने के लिए भी केंद्र पर हमला किया और कहा कि राज्य के सामने वित्तीय संकट के बावजूद, एलडीएफ सरकार ने सभी क्षेत्रों में सहायता का आश्वासन दिया है।
बालगोपाल ने कहा, “केंद्र केरल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहा है और निराशाजनक बात यह है कि राज्य के यूडीएफ सांसद घटिया राजनीति खेल रहे हैं। राहुल गांधी जैसे नेता केरल के लोगों के हित में काम नहीं कर रहे।”
केरल के वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ सांसद राज्य के सामने आने वाले वित्तीय मुद्दों पर एकजुट होने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन उनमें से कोई भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने और उन्हें सौंपे जाने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा यहां बुलाए गए सांसदों के सम्मेलन के दौरान, कॉन्ग्रेस सांसदों ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए एकजुट होने के लिए सभी समर्थन का आश्वासन दिया था, लेकिन न तो यूडीएफ के 18 लोकसभा सांसद और न ही उनके राज्यसभा सहयोगी राज्य की वित्तीय स्थिति से अवगत कराने और राज्य का बकाया जारी करने के लिए उन पर दबाव डालने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलने आए।
सीपीआई (एम) नेता बालगोपाल ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यूडीएफ सांसद केरल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश में भाजपा के साथ हैं। आर्थिक मामलों पर केरल के प्रति केंद्र के दृष्टिकोण की निंदा करते हुए बालगोपाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने आवंटन और शेयरों को कम करके राज्य के हाथ बांध दिए हैं।
कॉन्ग्रेस पर राज्य के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए, वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेता ने सवाल किया कि क्या विपक्षी सांसद भी इस मामले में भाजपा के हितों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं?
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों की एकता में कुछ ही दिनों में नाराजगी और फूट दिखने लगी है। हाल ही में दिल्ली में कॉन्ग्रेस नेता अलका लाम्बा ने भी आगामी लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर लड़ने की बात सामने रखी है। उनका कहना है कि उनकी सबसे पहली लड़ाई आम आदमी पार्टी से है, न कि भाजपा से।