अजमेर की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने लड़कियों पर की गयी टिप्पणी को लेकर माफ़ी मांग ली है। चिश्ती ने कहा कि उनके कहने का मतलब यह नहीं था और अगर उनकी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो वह सबसे माफी मांगते हैं।
सरवर चिश्ती ने कहा, “मैंने फिल्म अजमेर 92 को लेकर इंटरव्यू दिया था। स्टिंग ऑपरेशन करने की क्या जरूरत पड़ी। मैंने जो कहा सामान्य बातचीत में कहा। मेरा मतलब यह था कि जो भी इस मामले में आता है। आदमी हर तरह के करप्शन बर्दाश्त कर लेता है, मेरे कहने का यह मतलब था।”
चिश्ती ने कहा, “मेरी बात से किसी को कोई तकलीफ हुई है तो मैं इसमें खेद व्यक्त करता हूं। माफी मांगता हूं। मेरी कोई ऐसी मानसिकता नहीं है, लेकिन अगर किसी को भी बुरा लगा है, तो मैं सॉरी मांगता हूं।”
दरअसल, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर चिश्ती का एक वीडियो वायरल हुआ था।
वायरल वीडियो में सरवर कहते दिख रहे हैं, “आदमी पैसों से करप्ट नहीं हो सकता, मूल्यों से करप्ट नहीं हो सकता, लेकिन लड़की के मामले में हो जाता है। उन्होंने अपनी बातों में विश्वामित्र का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जितने भी जो बाबा लोग जेल में हैं। यह सिर्फ वह हैं जो लड़की के मामले में फंसे हैं। इसमें बड़े से बड़ा फिसल जाता है।”
इसके बाद लोगों ने चिश्ती के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज़ किया। अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को पत्र लिखकर सरवर चिश्ती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। डिप्टी मेयर ने कहा ‘’सचिव के द्वारा महिलाओं के संबंध में ऐसी टिप्पणी किया जाना अत्यंत ही निंदनीय है, जो महिलाओं और लड़कियों के संबंध में मानसिकता एवं सोच को दर्शाता है।’’