जंतर मंतर के पहलवानों के विरोध में रोज ही नए मोड़ सामने आ रहे हैं। सरकार से बातचीत के बाद यह विरोध कुछ समय के लिये स्थगित हो गया है। इसके बाद बृजभूषण सिंह पर नाबालिग द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को अब उसके पिता ने ही झूठ बताया है।
नाबालिग पहलवान, जिसने बृजभूषण पर POCSO Act के मामले में केस दर्ज किया था, उसके पिता ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप जानबूझकर लगाए थे और पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
अपने ताज़ा बयान में नाबालिग लड़की के पिता ने कहा, ”बदले की भावना में उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज की थी, अब गलती सुधारना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि अदालत में नहीं बल्कि सच अभी सामने आ जाए।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल हुए ट्रायल में उनकी बेटी की हार की निष्पक्ष जांच का वादा किया है, इसके बाद ही उन्होंने सच बोलने का फैसला किया। नाबालिग के पिता ने यह भी कहा कि बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का फैसला उनका था, ना कि उनकी बेटी का।
इस से पूर्व, नाबालिग ने कहा था कि जब सारे पहलवान आरोप लगा रहे थे तो गुस्से में आकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उसने भी आरोप लगा दिए। लड़की का यह भी कहना था कि उसके साथ चयन प्रक्रिया में गलत व्यवहार हुआ।
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बता दें कि अचानक से लगे यौन उत्पीड़न के झूठे आरोपों को बृजभूषण शुरू से ही फ़र्ज़ी बता रहे थे। नाबालिग ने यह स्वीकार किया है कि उसका कोई शोषण नहीं किया गया। इस खुलासे के बाद बृजभूषण शरण सिंह पर लगा POCSO Act हट जाएगा।
नाबालिग पहलवान के पिता ने यह भी कहा, “अब बातचीत शुरू हो गई है, सरकार ने पिछले साल एशियाई अंडर-17 चैंपियनशिप ट्रायल्स में मेरी बेटी की हार की निष्पक्ष जांच का वादा किया है, इसलिए यह मेरा भी कर्तव्य है कि मैं अपनी गलती सुधारूं।”
उसके पिता ने दावा किया कि 2022 में लखनऊ में अंडर 17 एशियाई चैंपियनशिप के ट्रायल के दौरान नाबालिग लड़की फाइनल हार गई और उसे भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए नहीं चुना गया।
नाबालिग लड़की के पिता ने रेफरी के फैसले के लिए बृजभूषण को जिम्मेदार ठहराया और इससे वह नाराज हो गए। उन्होंने पीटीआई से कहा, “मैं गुस्से से भर गया था कि फाइनल में रेफरी के फैसले के कारण मेरे बच्चे की एक साल की मेहनत बेकार चली गई और मैंने बदला लेने का फैसला किया।”
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अन्य पहलवानों में भारतीय ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनका विरोध कर रहे हैं। मामलों को देखने के लिए पहले एक समिति का गठन किया गया था लेकिन इस मामले में एफआईआर इस साल अप्रैल में दर्ज की गई थी। एफआईआर के बाद भी पहलवान उसका विरोध करते रहे हैं।
वहीं बृजभूषण शरण सिंह ने नाबालिग पहलवान के पिता के ताजा बयान पर कहा कि उनके मन में किसी के लिये दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा , “उस लड़की को इस गलती के लिए उन पहलवानों ने गुमराह किया जो मेरे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे मन में उसके या उसके परिवार के लिये कोई दुर्भावना नहीं है। मैं उसके परिवार के खिलाफ किसी कार्रवाई की माँग नहीं करता। यह मुझे बदनाम करने की साजिश थी।’’
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अभी पुलिस जांच कर रही है। 15 तारीख़ तक पुलिस चार्जशीट फाइल करेगी। 15 तारीख़ के बाद अगर बोलने की ज़रूरत होगी तो बोला जाएगा। मुझे नहीं लगता कि इस मामले में अभी मुझे कुछ बोलना चाहिए।”
बुधवार (जून 7, 2023) के दिन ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ बैठक की थी, जिसके बाद पहलवानों ने 15 जून तक आंदोलन स्थगित कर दिया है।