“मैं खुश हूँ क्योंकि यह एक शानदार परफॉरमेंस थी। हम हमेशा गोल स्कोर करने के प्रयास कर रहे थे। मुझे लगता है कि हम वापस वही टीम होने के पथ पर अग्रसर हैं, जो टीम कभी हम हुआ करते थे। हमने गेंद को अच्छी तरह हैंडल किया, हम बिना किसी दबाव के खेले। हमने वाकई एक शानदार गेम खेला” -अर्जेंटीनी मिडफील्डर मैक एलिस्टर, पोलैंड बनाम अर्जेंटीना के मैच की समाप्ति पश्चात।
भारतीयों को बृहस्पतिवार तड़के समाचार मिला कि देर रात अर्जेंटीना ने पोलैंड को 2-0 से हराकर अगले दौर में अपनी जगह बना ली। जहाँ उनका सामना होगा ऑस्ट्रेलियाई खेमे से। यह सिर्फ मेस्सी की बदौलत नहीं हुआ। आज खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में अर्जेंटीना एक टीम की तरह खेली।
डिफेंस में अकून्या, ओटामेंडी, कूटी रोमेरो व मोलीना हों, मिडफील्ड में ऐंजो, गुएडेस़ व मैक एलिस्टर और फॉरवर्ड लाइन में लियोनेल मेसी के साथ युवा अल्वारेज़ व ऐंजेल डी मारिया, सबने एकजुट होकर बेहद ही अच्छी फुटबॉल खेली। हालाँकि, लेवांदोस्की की पोलैंड यह मैच हार कर भी अगले दौर में जगह बनाने में सफल रही।
एक और मुकाबले में मैक्सिको साउदी अरब के खिलाफ ग्रुप स्टेज का अपना आखिरी मुकाबला 2-1 से जीत कर भी टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
आज रात खेले गए मुकाबलों के पश्चात अंतिम सोलह में हमें पहली आठ टीमें पता चल चुकी हैं। ग्रुप-ए से नीदरलैंड्स व सेनेगल ने अगले दौर में जगह बना ली है। ग्रुप-बी से इंग्लैंड व यूएसए ने अगले दौर में जगह बना ली है। ग्रुप-सी से अर्जेंटीना व पोलैंड अगले दौर में जा रहे हैं। और, ग्रुप-डी से फ्रांस व ऑस्ट्रेलिया ने अगले दौर में जगह बना ली है।
बाकी बचे चार ग्रुप्स से कौन कौन सी टीमें आगे अंतिम सोलह की ओर बढ़ रही हैं यह तस्वीर भी आज व परसों रात खेले जाने वाले मुकाबलों से साफ हो जाएगी।
आज रात ग्रुप स्टेज के दो ऐसे मैच खेले जाने हैं जिन पर आपकी नजरें अवश्य टिकी रहनी चाहिए। भारतीय समयानुसार रात 08:30 बजे किक-ऑफ होगा। पिछले विश्व कप की उपविजेता क्रोएशिया बनाम फीफा रैंकिंग्स में नम्बर दो पर काबिज टीम बेल्जियम के बीच खेले जाने वाले मुकाबले का। दोनों ही टीमें टक्कर की हैं। दोनों ही टीमों के पास अच्छी मिडफील्ड, डिफेंस व अटैकिंग लाइन है।
ग्रुप-एफ का यह मैच इसलिए भी रोचक हो जाता है क्योंकि इस ग्रुप में अब तक क्रोएशिया सर्वोच्च स्थान पर है। बेल्जियम को अगले दौर में जगह बनाने के लिए यह मैच जीतना ही होगा और दुआ करनी होगी की मोरक्को कनाडा के खिलाफ अपना मैच या तो हार जाए या वह मैच ड्रा पर छूटे। और फिर रात ठीक 12:30 AM (शुक्रवार) बजे लुई एनरिको का स्पेनिश जहाजी बेड़ा उतरेगा तूफानी लहरों से लबालब जापानी समंदर में।
जापान अगर स्पेन से यह मैच ड्रा कर लेता है और जर्मनी कोस्टा-रिका को हराने में सफल हो जाती है तो, जापान अगले दौर में जगह बनाने में सफल हो जाएगा। मगर जर्मनी अगर कोस्टा-रिका को हरा देती है और या तो हार जाए या ड्रा खेल जाए तो गणित का पलड़ा जर्मनी की ओर भारी होगा।
जापान इस टूर्नामेंट में अब तक अप्रत्याशित टीम रही है। उन्होंने हैरान कर देने वाले अपने पहले मुक़ाबले में जर्मनी को हरा दिया, लेकिन फिर कोस्टा रिका से हार गए, जबकि हर किसी को उनसे इसके विपरीत उम्मीद थी।
स्पेनिश टीम युवा खिलाड़ियों से भरी हुई है। क्रमश: अठ्ठारह व उन्नीस साल के गावी व पेड्री स्पेन की मिडफील्ड की जान बनकर उभरे हैं। आज की तारीख में अगर थियागो जैसा जादूगर विश्व कप भेजी गई स्पेनिश टीम का हिस्सा नहीं है तो इसके पीछे का मूल कारण इन दोनों युवा पीढ़ी के खिलाड़ियों का नैसर्गिक खेल ही है।
कल संध्या में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में फ्रैंच मूल के स्पैनिश डिफेंडर एम्येरिक लापोर्त ने जोर देकर कहा था, “हम एक यूनिट की तरह खेलते हैं। अब तक किसी भी टीम ने इस विश्व कप में हमसे अच्छी फुटबॉल नहीं खेली है। फिर भी मीडिया हमें कप का दावेदार नहीं मानता है। हम इसका दबाव स्वयं पर नहीं लेते। यह हमें और अच्छा खेलने को प्रेरित करता है, यह हमें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है।”
यह सोच वाकई ताज्जुब होता है कि अब भी स्पेन को कोई भी बड़े खेल पंडित विश्व कप का दावेदार नहीं मान रहे हैं।
फुटबॉल वाकई एक दर्शन ही तो है जो हमें जीवन कैसे जीना है यह सिखाता है। वाकई शायद हमारे बस में तो बस कर्म करते रहना ही है। जो हमेशा हमें करते रहना चाहिए। मैदान फुटबॉल का हो या जिंदगी का, अगर बहुत मेहनत कर के भी लक्ष्य को न भी पा सकें तो कोई अफसोस नहीं रह जाना चाहिए, क्योंकि आपने वो सब किया था जो आपके बस में था। फल की प्राप्ति हमारे बस में नहीं। इसलिए ही साथियों, चाहे मैच फुटबॉल का हो या फिर जिंदगी का, हमेशा अपना बेहतर खेल खेलते चलो।
“कर्मण्ये वाधिका रस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्म फल हेतु र्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्व कर्मणि॥
-भगवद्गीता में श्री कृष्ण, अर्जुन से।”