जुलाई, 08, 2022 को भूतपूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की खुली सड़क पर भीड़ को संबोधित करते हत्या कर दी जाती है। संपूर्ण जापान एकाएक शोक में डूब जाता है. आर्थिक व राजनैतिक उथलपुथल के बादल सिर पर मंडरा रहे थे।
दिसम्बर, 02, 2022 कोच हारिमे मोरियासू के जांबाज लड़ाकों ने न सिर्फ मैच के दूसरे हाफ में वापसी करते हुए मैच अपने नाम किया बल्कि बेहद शानदार अंदाज में स्पेन को पटखनी देकर अपने ग्रुप में पहले नंबर पर रहकर अंतिम सोलह में जगह बनाई। निश्चित तौर पर इस जीत ने सभी जापान वासियों को एकबार फिर खुशी से झूमने का मौका दे दिया है। कोच हारिमे मोरियासू ने भी यह जीत अपने देशवासियों को समर्पित की।
इस मैच में स्पैनिश कोच ने अपनी प्लेइंग इलेवन में कई परिवर्तन किए थे। अठ्ठारह-उन्नीस वर्षीय बाल्दे व नीको विलियम्स के साथ अल्वारो मोराटा प्लेइंग इलेवन में थे। कार्वाज़ाल की जगह एज़पीलिक्वैता तो पाउ तोरैस ऐम्यरिक लापोर्त की जगह मैदान में उतरे थे। ऐसा नहीं कि यह टीम कमजोर थी परन्तु यह कहीं न कहीं जापान को हल्के में लेने की ओर इशारा कर रहा था।
जब मैच शुरू हुआ तो स्पेन ने शुरू से ही गेंद को अपने कब्जे में रखा। पहले हाफ के दसवें मिनट में ही अनुभवी राइट बैक एज़पीलिक्वैता ने एटलेटिको मैड्रिड के लिए क्लब फुटबॉल खेलने वाले अल्वारो मोराता की दिशा में क्रॉस डाला। मोराता ने भी लंबी कद काठी का फायदा उठा एक दमदार हेडर लगा कर गेंद को गोलपोस्ट का रास्ता दिखलाया। स्पेन एक, जापान शून्य।
पूरे हाफ में ज्यादातर गेंद स्पेन के कब्जे में रही। पेड्री व गावी की युवा जोड़ी मिडफील्ड के अनुभवी नायक सर्जियो बुस्केट्स के साथ लगातार खूबसूरत पासों का जाल बुन रही थी। यह बिल्कुल किसी नदी किनारे बैठे उसकी कलकल को सुनने जैसा था। एकदम खूबसूरत।
रोड्री, पाउ तोरैस, बाल्दे व एज़पीलिक्वैता डिफेंसिव लाइन से अपने जादुई मिडफील्ड को पूरा सपोर्ट दे रहे थे। टीम छोटे छोटे पासों के साथ आगे बढ़ रही थी। पहले हाफ की समाप्ति तक जापान को समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर चल क्या रहा है, लेकिन तारीफ करनी होगी उनकी डिफेंस की, जिसने अनुभवी खिलाड़ी योशिदा के नेतृत्व में बेहद सटीक तरीके से अपने किले की रक्षा की। यहाँ जापान अगर एक गोल और खा जाती तो स्पेन उन पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना लेती।
दूसरे हाफ की शुरुआत में कोच ने दो अहम परिवर्तन किए। इसके साथ ही दूसरे हाफ में तो मानो जापान को नया जीवन ही मिल गया था। क्या कमाल की प्रेसिंग, क्या कमाल की डिफेंडिंग और विपक्षी डी में सेंध लगाने के लिए कितने प्यारे अटैक्स। सब एकदम कमाल था।
जिन दो खिलाड़ियों, का ओरू मितोमा व रित्सु दोआन, को कोच मोरियासू ने दूसरे हाफ में मैदान के भीतर भेजा था, वह दोनों ही बेहद शानदार खेले। जापान पूरे जज्बे के साथ किसी भूखे शेर की भाँति तीव्रता से प्रेस कर रहे थे। स्पेन दबाव में नजर आने लगी थी। नतीजा यह हुआ की पहले रित्सु दोआन व फिर काओरू मितोमा ने एक एक गोल दाग कर स्पेन के पैरों तले जमीन खिसका दी।
स्पेन, जिसने मैच के पहले हाफ में बहुत ही शानदार फुटबॉल खेली, दूसरे हाफ के शुरू होते ही पांच मिनट के भीतर दो गोल खाकर अचंभित हो गई थी। इससे पहले की कोच लुई एनरिके कुछ समझ भी पाते, जापान ने दो गोल दाग कर मैच में अहम बढ़त बना ली थी। जापानी सुपर कारों ने स्पैनिश ग्रासलैंड्स को अपनी तेज गति से तहस नहस कर दिया था।
यह कभी न हार मानने का जापान का जज्बा ही था जिसके दम पर पहले जर्मनी और फिर आज स्पेन के खिलाफ मैच में वापसी करते हुए जापान ने जीत दर्ज की।
आँकड़ों पर नजर डालें तो स्पेन की यह हार और भी बुरी नजर आती है। पूरे मैच के नब्बे मिनटों में 83 प्रतिशत वक्त गेंद स्पेन के कब्जे में थी। स्पेन ने कुल 1058 पास किए। इसके उलट मात्र लगभग 17-18 प्रतिशत बॉल पज़ेसन के साथ जापान मैच में सिर्फ दो सौ के आसपास ही पास कर सकी थी। फिर भी जापान ने जिस अंदाज में दूसरा हाफ खेला वह वाकई काफी रोमांचक था।
“हम स्पेन के खिलाफ मैदान में उतरे थे। स्पेन विश्व की सबसे बेहतरीन टीमों में गिनी जाती है। हम मैच से पूर्व ही यह जानते थे की यह एक बेहद कठिन मैच होगा। यह आसान तो बिल्कुल भी नहीं होगा। यहाँ जापान से भारी संख्या से दर्शक हमारा समर्थन करने आए हैं। पीछे, घर से भी लाखों लोग हमारे समर्थन में दुआएँ कर रहे हैं। इस जीत के लिए हम इन सभी प्यारे लोगों के कर्जदार हैं। यह जीत तोहफे स्वरूप हम हमारे सभी समर्थकों को समर्पित करते हैं और हमें इस बात की बेहद खुशी है।” जापान के कोच हारिमे मोरियासू ने मैच समाप्ति पर कहा।
“हमें पहले हाफ में कुछ भी खतरा नजर नहीं आया था। मैच ठीक वैसे ही चल रहा था, जैसा हमने चाहा था। हाफ टाइम के वक्त मैंने अपने खिलाड़ियों को सजग रहने हेतु चेतावनी दी थी, क्योंकि जापान के पास खोने को कुछ भी नहीं था।” मैच पश्चात स्पैनिश कोच लुई एनरिके ने कहा। “मुझे हार पसंद नहीं। मैं कोई भी हार पचा नहीं पाता। यह मुझे सोने नहीं देता। मैं बिल्कुल भी खुश नहीं।”
गौरतलब है कि जापान ने 2010 व 2014 की विश्व कप विजेताओं को परास्त कर अगले दौर में जगह बना ली है, जहाँ अब उसका सामना पिछले विश्व कप की उपविजेता क्रोएशिया से होगा। जो लोग फुटबॉल पर नजरें नहीं रखते हैं व जापान की इस जीत से भौचक्के हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि पिछले चार विश्व कप में तीन दफा जापान ने अंतिम सोलह में जगह बनाई है।