मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी को दिल्ली की एक अदालत से झटका मिला है। उर्वरक घोटाले के मामले में अदालत ने पुरी को समन जारी किया है। बता दें कि रतुल पुरी पर उर्वरक घोटाले में 685 करोड़ रूपए की रिश्वत लेने का आरोप है। उर्वरक घोटाले के अलावा पुरी अगस्ता वेस्टलैंड और मोजर बियर स्कैम के आरोपों में जमानत पर चल रहे हैं।
फिलहाल उर्वरक घोटाले मामले में दिल्ली की अदालत के स्पेशल जज विकास ढुल ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट के आधार पर पुरी को 18 जनवरी तक कोर्ट में आने के आदेश जारी किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से विशेष लोक अभियोजन ने अदालत को जानकारी दी कि मामले में पुरी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
ED के आरोपपत्र के अनुसार, रतुल पुरी के अलावा उर्वरक घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद अमरेंद्र धारी सिंह और इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के प्रबंध निदेशक और सीईओ यूएस अवस्थी भी इसमें शामिल है। ये मामला वर्ष 2007 से 2014 के बीच अवस्थी और उनके एनआरआई बेटों, इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के प्रबंध निदेशक पीएस गहलोत और अन्य विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को रिश्वत के रूप में 685 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान से जुड़ा हुआ है।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) एक बहु-राज्य किसान सहकारी समिति है और आईपीएल इसी की एक कंपनी है जो उर्वरकों का वितरण करती है। दरों को किफायती रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा इसको सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।
ED का आरोप है कि इफको में अवस्थी और अन्य लोगों ने अपराध के जरिए आय हासिल की है। साथ ही, इसे अलग-अलग असंबंधित संस्थाओं के माध्यम के वितरित भी किया गया। इसके बाद अवस्थी और अन्य की ओर से नियंत्रित संस्थाओं को स्थानांतरित किया गया।
यह भी पढ़ें- UPA सरकार में मंत्री रहे ए राजा की 53 करोड़ रुपए की बेनामी सम्पत्ति कुर्क
बता दें कि रतुल पुरी जिस मोजर बेयर घोटाले में आरोपित है, उसमें वर्ष 2019 में ED ने रतुल पुरी एवं मोजर बीयर कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आरोप था कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 355 करोड़ रूपए के लोन धोखाधड़ी केस में मोजर बेयर से जुड़ी दो कंपनियों के जरिए पैसे का हेरफेर किया गया था।
वहीं, अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले मामले में ED की 6वीं चार्जशीट में रतुल पुरी को आरोपित बनाया गया था। बता दें कि जनवरी, 2014 में भारत ने वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की आपूर्ति के लिए फिकमेकेनिका की ब्रिटिश सहायक अगस्ता वेस्टलैंड के साथ हुए सौदे में कुछ नियमों के उल्लंघन और सौदे को सुरक्षित रखने के लिए दी गई 423 करोड़ की रिश्वत के आरोप सामने आने के बाद रद्द कर दिया था।